अमरावतीमहाराष्ट्र

557 ग्रापं के 2300 प्रत्याशियों पर अपात्रता का खतरा

अमरावती /दि.20– जिले की 553 ग्रामपंचायतों का चुनावी परिणाम 18 जनवरी 2021 को घोषित हुआ था. इस समय कोविड संक्रमण की लहर चल रही थी. इसकी वजह से उस समय अधिकांश चुनाव लडने वाले अधिकांश प्रत्याशियों ने अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा प्रस्तूत नहीं किया था. लेकिन इसके तीन वर्ष बाद भी 2296 प्रत्याशियों ने अब तक अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं दिया है. जिसके चलते इन उम्मीदवारों पर अपात्रता की कार्रवाई होने का खतरा मंडरा रहा है.

बता दें कि, जिले में फरवरी 2021 के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण की लहर चल रही थी तथा संक्रमण का यह दौर करीब 4 माह तक चलता रहा. वहीं इसी दौरान 18 फरवरी 2022 तक उम्मीदवारों को अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा पेश करना था. परंतु कोविड संक्रमण व संचारबंदी आदि की वजह से प्रशासन ने भी इसमें थोडी ढिल दी थी. लेकिन इस बात को 3 वर्ष का समय बीत चुका है और अब तक उस चुनाव में हिस्सा लेने वाले प्रत्याशियों ने अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा सक्षम प्राधिकारी के पास पेश नहीं किया है. साथ ही यह भी कहा जा सकता है कि, इस बात को प्रत्याशियों सहित निर्वाचन विभाग के अधिकारी लगभग भुल ही गये है.

बता दें कि, जिले की 553 ग्रामपंचायतों के 4874 सदस्य पदों हेतु 15 जनवरी 2021 को मतदान कराया गया था तथा 18 जनवरी को मतगणना करते हुए चुनावी परिणाम घोषित किया गया था. इस चुनाव में हिस्सा लेने वाले 8683 उम्मीदवारों ने अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा पेश किया है. जिसमें से कई प्रत्याशियों ने अंतिम तिथि के बाद चुनावी खर्च का ब्यौरा पेश किया है. वहीं 2296 प्रत्याशियों द्वारा इसे लेकर अब तक उदासिनता दिखाई जा रही है.

* जाति वैधता पेश नहीं करने वाले सदस्य भी होंगे अपात्र
उस चुनाव में जाति वैधता प्रमाणपत्र की बजाय हलफनामा पेश करने की सुविधा दी गई थी, ताकि निर्वाचित होने के पश्चात अगले एक वर्ष के भीतर जाति वैधता प्रमाणपत्र पेश करना अनिवार्य किया गया था. परंतु कोविडकाल की वजह से प्रमाणपत्र पेश करने के लिए ग्रामविकास विभाग ने समयावृद्धि दी थी. इसकी भी कालावधि खत्म हो गई है. लेकिन अब भी कई निर्वाचित सदस्यों ने अपने जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रस्तूत नहीं किये है. बता दें कि, इस चुनाव में आरक्षित प्रभागों से 2864 प्रत्याशियों ने हिस्सा लिया था.

* एक प्रत्याशी की निर्वाचन आयोग व हाईकोर्ट में गुहार
धामणगांव रेल्वे तहसील के एक प्रत्याशी ने जिला व विभागस्तर पर अपील करने के साथ ही हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी. पश्चात अदालत में इस मामले को निर्वाचन आयोग के पास भेज दिया. लेकिन इसके बावजूद भी स्थानीय प्रशासन की नींद नहीं खुली. इस मामले में अदालत ने निर्वाचन विभाग को खडे बोल सुनाए है, ऐसी जानकारी है.

* चुनावी खर्च का ब्यौरा तय समय के भीतर पेश होना चाहिए, ताकि जाति वैधता प्रमाणपत्र भी तय समय के भीतर प्रस्तूत किया जाना चाहिए. जिन उम्मीदवारों ने इस प्रक्रिया को पूर्ण नहीं किया है, अब उनके खिलाफ कडी कार्रवाई की जाएगी.
– सौरभ कटियार,
जिलाधीश.

चुनाव वाली ग्रापं – 557
खर्च का ब्यौरा दे चुके प्रत्याशी – 8683
खर्च का ब्यौरा नहीं देने वाले प्रत्याशी – 2296

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