रोजगार के लिए 2305 आवेदन, कर्ज केवल 427 को
अमरावती/दि.16 – अगस्त 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री रोजगार निर्मिति कार्यक्रम योजना शुरु की थी, जिसमें उत्पादन उद्योग के लिए 50 लाख रुपए तथा सर्विस इंड्रस्टी के लिए 20 लाख रुपए का कर्ज दिया जाता है. इस योजना के तहत अमरावती जिला उद्योग केंद्र द्बारा 1 अप्रैल 2022 से लेकर अब तक जिले की विविध बैंकों में 2305 इच्छूक युवाओं के प्रस्ताव भेजे गए. जिसमें से बैंकों ने केवल 427 आवेदकों के ही कर्ज मंजूर किए गए है.
उल्लेखनीय है जारी आर्थिक वर्ष में जिला केंद्र को 840 कर्ज प्रस्ताव मंजूर करने का लक्ष्य दिया गया है और कुल 19 बैंकों द्बारा इस लक्ष्य के अनुसार कर्ज मंजूर करना आवश्यक था. लेकिन इसमें से आधे आवेदकों को ही कर्ज मिला है. जिला केंद्र से आवश्यक दस्तावेजों के साथ मंजूर किए गए कर्ज प्रस्ताव बैंक के पास मंजूरी हेतु भेजे जाते है. परंतु संबंधित बैंकों के अधिकारियों द्बारा इन प्रस्तावों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जाती. ऐसे में कर्ज प्राप्त करने के इच्छूक युवाओं को बार-बार बैंकों के चक्कर काटने पडते है, परंतु उन्हें केवल आश्वासन ही मिलता है.
* 1878 प्रस्तावों को बैंकों ने किया खारिज
1 अप्रैल 2022 से 13 मार्च 2023 तक अमरावती जिले की विविध बैंकों की शालाओं ने 2305 कर्ज प्रस्तावों में से केवल 427 प्रस्तावों को मंजूर किया. वहीं 1878 प्रस्तावों का विभिन्न त्रृटियों के चलते खारिज कर दिया गया.
* किस बैंक ने कितने आवेदन किए मंजूर
बैंक कुल आवेद न मंजूर
स्टेट बैंक 635 99
सेंट्रल बैंक 508 121
बैंक ऑफ महाराष्ट्र 504 73
बैंक ऑफ बदौडा 127 38
यूनियन बैंक 133 30
इंडियन बैंक 59 05
बैंक ऑफ इंडिया 174 36
पंजाब नैशनल बैंक 29 07
मुख्यमंत्री रोजगार निर्मिति योजनांतर्गत जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से सभी कर्ज प्रस्तावों को विविध बैंकों के पास मंजूरी हेतु भेजा जाता है. परंतु कई बार बैंक अधिकारियों की अनदेखी के चलते युवाओं को अपना रोजगार शुरु करने हेतु कर्ज नहीं मिल पाता. इस वर्ष बैंकों के पास कुल 2305 कर्ज संबंधी प्रस्ताव भेजे गए थे. जिसमें से केवल 427 प्रस्तावों को ही मंजूरी मिली है. यह अपने आप में बेहद कम प्रमाण है.
– शिवकुमार मुद्दमवार,
प्रभारी महाव्यवस्थापक,
जिला उद्योग केंद्र
मुख्यमंत्री रोजगार निर्मिति कार्यक्रम के तहत कर्ज संबंधी प्रस्ताव जिला उद्योग केंद्र द्बारा बैंकों को भेजे जाते है और बैंकों द्बारा तमाम तरह के दस्तावेजों की जांच पडताल के बाद इन प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की जाती है. यह जिला उद्योग केंद्र और बैंक शाखाओं सहित कर्ज हेतु आवेदन करने वाले व्यक्ति के बीच का मामला है. तकनीकी त्रृटी व गलतियां रहने के साथ ही समाधानकारक दस्तावेज नहीं रहने वाले प्रस्तावों को बैंक शालाओं द्बारा निश्चित तौर पर खारिज कर दिया जाता है. ऐसे प्रस्तावों पर भी कर्ज देने हेतु बैंकों को बाध्य नहीं किया जा सकता. इस मामले में जिला उद्योग केंद्र ही नोडल एजेंसी है. अत: प्रस्ताव भेजने से पहले जिला उद्योग केंद्र द्बारा आवेदक के प्रस्ताव व दस्तावेजों की जरुरी पडताल पहले ही कर ली जानी चाहिए.
– जीतेंद्रकुमार झा,
मैनेजर, जिला अग्रणी बैंक