अमरावती

2366 अंगणवाडी सेविकाओं की हडताल, 2346 अंगणवाडी केंद्रों पर लगे ताले

जिले में 1 लाख से अधिक बच्चे पोषाहार से वंचित

अमरावती/दि.23 – खुद को सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलने के साथ ही अपने विभिन्न प्रलंबित मांगों को लेकर महाराष्ट्र राज्य अंगणवाडी व बालवाडी कर्मचारी यूनियन (आयटक) व संयुक्त कृति समिति के नेतृत्व में जिले की 2 हजार 366 अंगणवाडी सेविकाएं व मददनीस विगत 20 फरवरी से हडताल पर चली गई है. जिसकी वजह से जिले के 2643 अंगणवाडी केंद्रों पर ताला लटका हुआ है. ऐसे में पिछले 3 दिनों से जिले मेें 6 माह से एक वर्ष के आयु गुट वाले 1 लाख 31 हजार 746 बच्चे रोजाना मिलने वाले पोषाहार से वंचित है.
बता दें कि, जिले की 2 हजार 646 अंगणवाडियों की 2 हजार 378 अंगणवाडी सेविकाओं में से 2 हजार 366 सेविकाएं तथा मिनी अंगणवाडी केंद्रों की 147 मिनी अंगणवाडी सेविकाएं और 2 हजार 110 सहायिकाए यानि मददनीस हडताल में शामिल हुए है. इसके चलते सभी अंगणवाडियों पर ताला लटका हुआ है और इन अंगणवाडी केंद्रों में जाने वाले बच्चे विगत 3 दिनों से शालेय पोषाहार मिलने से वंचित है. हडताल पर रहने वाले सभी कर्मचारी अपनी मांगों पर अडे हुए है और हडताल के तीसरे दिन दोपहर तक इसे लेकर कोई समाधान नहीं निकल पाया था. ऐसे में इस स्थिति का जल्द समाधान निकलने की उम्मीद बच्चों के अभिभावकों द्बारा की जा रही है. ताकि उनके बच्चे एक बार फिर अंगणवाडी केंद्रों में जा सके और उन्हें दोपहर के वक्त मिलने वाला पोषाहार भी प्राप्त हो.

* क्यों चल रही है हडताल
अंगणवाडी कर्मचारियोें को सरकारी दर्जा, मानधन वृद्धि, अदालती फैसले पर क्रियान्वयन, पूरक पोषण आहार की रकम मेें बढती महंगाई के अनुसार वृद्धि, अंगणवाडी सेविकाओं को कार्यक्षम मोबाइल फोन, सेवा निवृत्त व मृत कर्मचारियों की बकाया सेवा समाप्ति का लाभ, 800 से 1 हजार की जनसंख्या पर एक अंगणवाडी केंद्र तथा सन 2002 के सरकारी निर्णयानुसार अंगणवाडी सेविकाओं में से ही पर्यवेक्षिका पद पर नियुक्ति आदि मांगों को लेकर यह हडताल की जा रही है.

* अन्यथा संघर्ष होगा तीव्र
अंगणवाडी सेविकाओं, मिनी अंगणवाडी सेविका व मददनीस एक तरह से सरकार के कर्मचारी है और सरकार उनकी मालिक है. इनके काम के स्वरुप को देखते हुए यह सभी कर्मचारी अंशकालीन नहीं, बल्कि पूर्णकालीक है. अंगणवाडी कर्मचारियों की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 47 के तहत शिक्षा, आहार व पोषण संबंधी संवेधानिक प्रावधानों के क्रियान्वयन हेतु की गई है. जिसके चलते अंगणवाडी सेविकाओं व मददनीसों को सरकारी कर्मचारियों का दर्जा मिलना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर हम और भी अधिक तीव्र संघर्ष करेंगे.
– महेश जाधव,
जिलाध्यक्ष, अंगणवाडी-बालवाडी कर्मचारी यूनियन

* तहसील निहाय अंगणवाडी केंद्र व बालक संख्या
तहसील केेंद्र बालक
धारणी 249 21,375
चिखलदरा 229 13,607
अचलपुर 215 12,867
अमरावती 195 9,465
अंजनगांव सुर्जी 157 5,990
भातकुली 173 6,746
चांदूर बाजार 236 4,260
चांदूर रेल्वे 110 4,260
दर्यापुर 204 7,499
धामणगांव रेल्वे 139 6,530
मोर्शी 189 8,633
नांदगांव खंडेश्वर 175 7,527
तिवसा 153 6,017
वरुड 222 9,063
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