अमरावती

2,389 शालाओं को शालेय पोषण आहार का ऑडिट

जानकारी न देने पर स्कूलों पर होगी दंडात्मक कार्रवाई

अमरावती/दि.21- शालेय पोषण आहार योजना अंतर्गत विद्यार्थियों को दिये जाने वाले पोषण आहार के लिए राज्य शासन द्वारा अनुदान दिया जाता है. इस अनुदान का उचित इस्तेमाल हो रहा है या नहीं, इस बारे में पड़ताल के लिए सन 2015 से 2020 इन पांच वर्षों के जिलाभर की 2 हजार 389 शालाओं में शालेय पोषण आहार योजना का ऑडिट किया जाएगा.
राज्य में शालेय पोषण आहार योजना अंतर्गत जिला परिषद व प्राथमिक शिक्षण संचालनालय स्तर पर से विविध प्रकार के अनुदान स्कूलों को दिया जा रहा है. शालाओं को दिये जाने वाले अनुदान का इस्तेमाल नियमानुसार होना आवश्यक होता है. शालाओं द्वारा तहसील व जिलास्तर पर योजनाओं को अमल करते समय किये गए खर्च का लेखा परीक्षण करने के लिए एक निजी संस्था की नियुक्ति की गई है. इस संस्था द्वारा लेखापरीक्षण किया जाएगा. तहसील व जिले को जानकारी भरने के लिए व समीक्षा लेने के लिए ऑनलाईन पोर्टल उपलब्ध करवाया जाएगा. लेखा परीक्षण के लिए शालाओं द्वारा किसी भी स्वरुप का शुल्क नहीं लिये जाने के साथ ही शालाओं ने लेखा परीक्षण के लिए किसी भी व्यक्ति को पैसे देने की आवश्यकता नहीं, ऐसी सूचना भी इस आदेश में प्राथमिक शिक्षण संचालनालय के संचालक दिनकर ने दी है. जिला परिषद के शालेय पोषण आहार विभाग की यंत्रणा द्वारा इस काम की शुरुआत की गई है.
लेखा परीक्षण पड़ताल के दरमियान जानकारी प्रस्तुत न करने वाले शाला प्रमुखों को 25 हजार रुपए का दंड किया जाएगा. जिले की 2389 स्कूलों का लेखापरीक्षण के लिए आवश्यक नियोजन व लेखापरीक्षण में उपस्थित न रहने वाले या अभिलेख प्रस्तुत न करने वाली शालाओं पर दंडात्मक कार्यवाही करने की जिम्मेदारी स्थानिय विभाग पर दी गई है.

शाला व विद्यार्थी संख्या
लाभार्थी शाला            2,389
कुल लाभार्थी             2,42,776
पहली से पांचवीं        1,40437
छठवीं से आठवीं       1,02,339

शालेय पोषण आहार योजना का ऑडिट करने बाबत का आदेश प्राथमिक शिक्षण संचालक ने दिया है. इस संदर्भ में सभी शालाओं को सूचना दी गई है. इसमें लापरवाही किये जाने पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
– स्वप्निल सुपासे, लेखा अधिकारी,
शालेय पोषण आहार, शिक्षण विभाग

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