अमरावती

सुकली कम्पोस्ट डिपो से होने वाले प्रदूषण मामले में सुप्रीम कोर्ट में 24 को सुनवाई

राष्ट्रीय हरित लवाद व्दारा लगाया गया है 47 करोड रुपए जुर्माना

* मनपा आयुक्त को उपस्थित रहने के निर्देश
अमरावती/दि.4– अमरावती मनपा के सुकली कम्पोस्ट डिपो से होनेवाले प्रदूषण के कारण राष्ट्रीय हरित लवाद व्दारा मनपा पर लगाए गए 47 करोड रुपए के जुर्माने को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान अदालत व्दारा बायोमायनिंग व प्रोसेसिंग यूनिट का काम कहां तक पहुंचे बाबत पूछे जाने पर मनपा की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं व्दारा संतोषजनक जानकारी न दिए जाने पर न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने विस्तृत जानकारी देने के लिए अमरावती मनपा आयुक्त को हाजिर रहने के निर्देश दिए है. इस प्रकरण की आगे की सुनवाई अब 24 जुलाई हो होने वाली है.
न्यायमूर्ति अभय ओका व न्यायमूर्ति संजय करोल की खंडपीठ ने मनपा की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं व्दारा बायोमायनिंग व प्रोसेसिंग यूनिट के संदर्भ में संतोषजनक जवाब न देने पर कहा कि सुकली कम्पोस्ट डिपो को लेकर काम आगे बढने बाबत हां कहते है तो न्यायालय इसका संज्ञान लेगी. जिससे मनपा के अधिवक्ता निरुत्तर हो गए. इस मामाले में राष्ट्रीय हरित लवाद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने में अहम भूमिका निभाने वाले पर्यावरण प्रेमी गणेश अनासाने ने स्वयं अपना पक्ष कोर्ट के सामने रखा. उल्लेखनीय है कि अप्रैल माह में सुप्रीम कोर्ट के सामने सुनवाई के समय 47 करोड की जुर्माने की रकम के व्यवस्थापन के लिए विजिलैंस कमिटी स्थापित करने की सलाह दी थी. लेकिन अमरावती मनपा ने सुप्रीम कोर्ट से तीन माह का समय मांगा था. यह अवधि समाप्त होने से 3 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. लेकिन मनपा के अधिवक्ताओं व्दारा संतोषजनक जवाब न देने पर अब निगमायुक्त को हाजिर रहने के आदेश देते हुए अगली सुनवाई 24 जुलाई रखी गई है.

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