‘नो सीट बेल्ट’ में पकडे गये 24 हजार वाहन चालक, 53 लाख रुपयों का लगा दंड
16 हजार वाहन चालकों ने अदा किया 32.19 लाख का जुर्माना
अमरावती/दि.15– इन दिनों सडक हादसों का प्रमाण लगातार बढ रहा है और ऐसे हादसों मेें कई वाहन चालकों की मौत भी हो जाती है. कई हादसों में चारपहिया वाहन चालकों की मौत ‘सीट बेल्ट’ नहीं लगाये जाने की वजह से होने की जानकारी सामने आयी है. जिसके चलते ‘सीट बेल्ट’ का प्रयोग करने के चलते जनजागृति करने के साथ-साथ ऐसा नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की शुरुआत पुलिस द्वारा की गई है. जिसके तहत जारी वर्ष में जनवरी से सितंबर माह के दौरान ग्रामीण यातायात पुलिस ने करीब 24 हजार कार चालकों को बिना ‘सीट बेल्ट’ लगाये वाहन चलाते पकडा. जिन पर 52 लाख 59 हजार रुपए का दंड लगाया गया. इसमें से 15 हजार 941 वाहन धारकों ने 32.19 लाख रुपयों का जुर्माना सरकारी तिजोरी में जमा करवाया. वहीं 8076 वाहन चालकों की ओर अब भी 20.39 लाख रुपयों के जुर्माने की राशि बकाया है.
बता दें कि, प्रत्येक कार में ‘सीट बेल्ट’ का बेसिक सेफ्टीफिचर उपलब्ध कराया जाता है. जिसे लगाकर वाहन चलाने से किसी हादसे के वक्त सीट पर बैठा व्यक्ति अपनी सीट से आगे नहीं सरकता. जिसके चलते उसका सिर स्टेअरिंग, डैश बोर्ड अथवा कांच से जाकर नहीं टकराता और ‘सीट बेल्ट’ की वजह से उसकी जान बच जाती है. लेकिन इसके बावजूद भी चारपहिया वाहन में यात्रा करते समय चालक सहित अन्य लोगों द्वारा ‘सीट बेल्ट’ नहीं लगाया जाता और प्रति वर्ष घटित होने वाले सडक हादसों में ‘सीट बेल्ट’ नहीं लगाने वाले हजारों लोगों की मौत हो जाती है. यातायात पुलिस के मुताबिक भारत में 10 में से 7 यात्री कारों में लोगों द्वारा ‘सीट बेल्ट’ का प्रयोग नहीं किया जाता है. जबकि ‘सीट बेल्ट’ लगाये रहने पर ही हादसे के वक्त खुलने वाले एयर बैग वाहन में सवार चालक व अन्य लोगों का पूरी तरह से संरक्षण कर सकते है, जबकि यदि हादसे के वक्त ‘सीट बेल्ट’ नहीं लगा हुआ है, तो अकेले एयर बैग के दम पर वाहन में सवार लोगों की पूरी तरह से सुरक्षा नहीं हो सकती. यह बात पता रहने के बावजूद भी कार चालक सहित कार की अगली सीट पर सवार व्यक्ति द्वारा ‘सीट बेल्ट’ नहीं लगाया जाता. जोकि अपने आप में बेहद गंभीर बात है.
* ऐसे है ‘सीट बेल्ट’ के फायदें
यदि कार स्क्विड या स्पीन होती है, तो ‘सीट बेल्ट’ के होल्ड की वजह से कार चालक अपनी जगह से बिल्कुल भी नहीं हिलता और कार पर आसानी के साथ नियंत्रण पा सकता है.
‘सीट बेल्ट’ को कमर व कंधे पर लगाया जाता है. जिसके चलते कार में सवार व्यक्ति के सिर, छाती व पेट को पूरी सुरक्षा मिलती है.
सडक हादसे के वक्त ‘सीट बेल्ट’ लगे रहने पर कार चालक झटके के साथ आगे नहीं आता, जिसके चलते उसके सिर व रीढ की हड्डी पर कोई चोट नहीं आती.
कई वाहनों में ‘सीट बेल्ट’ लगा रहने पर ही हादसे के वक्त एयर बैग खुलते है, अन्यथा एयर बैग ही नहीं खुलते. जिसके चलते हादसे के समय ‘सीट बेल्ट’ नहीं लगे रहने की वजह से काफी बडा नुकसान हो सकता है.
* ‘सीट बेल्ट’ का प्रयोग है बेहद जरुरी
कार में यात्रा करते समय ‘सीट बेल्ट’ को लगाकर रखना बेहद जरुरी होता है. अन्यथा यात्रा के दौरान कोई हादसा घटित होने पर कार में सवार लोगों को काफी चोटें आ सकती है. साथ ही ऐसे हादसों ेकी वजह से कार में सवार लोगों की जान भी जा सकती है. इसे ध्यान में रखते हुए कार अथवा किसी भी फोरविलर वाहन के जरिए यात्रा शुुर करने से पहले ही ‘सीट बेल्ट’ जरुर लगा लेना चाहिए. इस आशय का आवाहन ग्रामीण यातायात शाखा के प्रमुख व पुलिस निरीक्षक सतीश पाटिल द्वारा किया गया.