अमरावती

‘उन’ 25 एफफिल प्राध्यापकोें से होगी पदोन्नति की रकम वसूल

उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किये आदेश

  • नेट-सेट नहीं, तो ‘कैस’ का लाभ भी नहीं

अमरावती/दि.12 – नेट-सेट नहीं रहने के बावजूद केवल एमफिल पदवी के आधार पर पदोन्नति (कैस) का लाभ लेनेवाले 25 प्राध्यापक संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय से संलग्नित विभिन्न महाविद्यालयों में कार्यरत है. नेट-सेट उत्तीर्ण नहीं रहनेवाले ऐसे प्राध्यापकों से अब पदोन्नति के लाभ की रकम वसूल की जायेगी. जिसके लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है.
जानकारी के मुताबिक राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने पदोन्नति का लाभ लेनेवाले एमफिल प्राध्यापकों को खोजने का अभियान शुरू किया है. पता चला है कि विद्यापीठों द्वारा प्राध्यापकों को मान्यता पत्र देते समय जानबूझकर लापरवाही की गई. जिसकी वजह से राज्य सरकार को करोडों रूपयों का आर्थिक नुकसान सहन करना पडा है. ऐसे में अब नेट-सेट उत्तीर्ण नहीं रहनेवाले एमफिल पदविधर प्राध्यापकों को पदोन्नति का लाभ देनेवाले अधिकारी, तत्कालीन संचालक, प्राचार्य एवं प्राध्यापकों पर कार्रवाई की तलवार भी लटक रही है.
ज्ञात रहें कि विद्यापीठ अनुदान आयोग ने सहायक प्राध्यापक पद के लिए वर्ष 1991 से नेट की अर्हता को अनिवार्य किया. पश्चात युजीसी ने 1 जून 2001 को संशोधित अधिसूचना जारी करते हुए इसमें एमफिल के प्रावधान को भी जोडा. यूजीसी के इस संशोधित प्रावधान का गलत अर्थ निकालकर वर्ष 2006 के पहले से कार्यरत अध्यापकों को नेट व सेट की अर्हता नहीं रहने के बावजूद एमफिल की पदवी पर ही ‘कैस’ का लाभ दिया गया. जिसकी वजह से इन प्राध्यापकों के वेतन में प्रतिमाह 40 हजार रूपयों की वृध्दि हुई. साथ ही इसमें से कई प्राध्यापक तो प्राचार्य पद पर भी पहुंचे. ऐसे में इन सभी एमफिल उत्तीर्ण प्राध्यापकों से पदोन्नति लाभ की रकम वसूल की जायेगी.

विद्यापीठ से संलग्नित महाविद्यालयों में नेट-सेट की अर्हता नहीं रहनेवाले करीब 25 प्राध्यापक एमफिल पदवी प्राप्त है, जिन्हों ‘कैस’ का लाभ लिया है. इन प्राध्यापकों से सरकारी निर्देशानुसार पदोन्नति की तारीख से प्राप्त वेतन लाभ की रकम को वसूल किया जायेगा.
– केशव तुपे
सहसंचालक, उच्च शिक्षा, अमरावती.

एफफिल पात्रताधारक प्राध्यापकों के संदर्भ में सरकार द्वारा जारी किये गये अन्यायकारक पत्र के विरोध में सहसंचालक के पास निवेदन पेश किया गया. जिसमें नेट-सेट की शर्त से छूट और अनुषांगिक लाभ देने का निवेदन किया गया है. इस हेतु सरकार से लगातार संपर्क कर आवश्यक प्रयास किये जायेंगे.
– प्रा. प्रदीप खेडकर
अध्यक्ष, शिक्षा मंच

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