अमरावतीमहाराष्ट्र

वन्य प्राणि के हमले में मौत होने पर 25 लाख तक की मदद

अमरावती/दि.2– विगत एक वर्ष से शहरी क्षेत्र की रिहायशी बस्तियों सहित ग्रामीण क्षेत्रों तथा मेलघाट के आदिवासी क्षेत्रों में तेंदूएं, भालू व जंगली सुअरों की अच्छी खासी मौजूदगी दिखाई दे रही है. साथ ही तेंदूए द्वारा हमला किये जाने के चलते जिले में कई लोगों के घायल होने की घटनाएं भी घटित हो चुकी है. ऐसे मेें वन्य प्राणियों के लगातार बढते हमलों को देखते हुए सरकार ने अब वन्य प्राणियों के हमले में गंभीर रुप से घायल होने वाले लोगों को 5 लाख रुपए तक की मदद तथा ऐसे हमलों में मारे जाने वाले लोगों के परिजनों को 25 लाख रुपए तक की सहायता दिये जाने की घोषणा की है.
बता दें कि, चिखलदरा के निकट पांढरी क्षेत्र में भालू तथा केसरपुर क्षेत्र में बाघ द्वारा दो लोगों को मार दिये जाने की घटना हाल ही में घटित हुई. इससे पहले वन्य प्राणियों के हमले में किसी व्यक्ति की जान जाने पर उसके परिजनों को 20 लाख रुपए की मदद दी जाती थी. वहीं गंभीर रुप से घायल होने पर केवल 1 लाख 25 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जाती थी. जिसे अब सरकार के निर्देश पर वनविभाग द्वारा बढा दिया गया है. साथ ही इंसानी बस्तियों के आसपास घुमने वाले जंगली प्राणियों को पकडने हेतु वनविभाग द्वारा प्रतिबंधात्मक उपाय किये जा रहे है.

* इन वन्यप्राणियों द्वारा हमला किये जाने पर मिलती है मदद
जंगल में तेंदूए अथवा किसी भी अन्य वन्य प्राणियों द्वारा किये गये हमले में किसी इंसान की मृत्यु होने या उसके घायल होने पर सरकार द्वारा मदद प्रदान की जाती है. साथ ही घायल व्यक्ति के इलाज का खर्च भी सरकार द्वारा उठाया जाता है.

* तेंदूए सहित वन्य प्राणियों के सर्वाधिक हमले इन क्षेत्रों में
जिले में सबसे बडा जंगल क्षेत्र मेलघाट के धारणी व चिखलदरा तहसीलों में है. जहां पर तेंदूए सहित भालू व अन्य वन्य प्राणियों द्वारा किये जाने वाले हमले का प्रमाण भी सबसे अधिक है. इसके साथ ही जिले के वरुड सहित चांदूर रेल्वे क्षेत्र के पोहरा व चिरोडी के जंगलों में भी वन्य प्राणी है. साथ ही इन दिनों अमरावती शहर से सटे परिसर में भी बडे पैमाने पर तेंदूए दिखाई देने लगे है.

* घायल व अपंग होने पर भी मिलती है मदद
वनविभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक वन्य प्राणियों द्वारा किये गये हमले में घायल व अपंग होने वाले व्यक्ति को भी वनविभाग द्वारा नियमानुसार सहायता प्रदान की जाती है और सहायता राशि को सीधे संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते में जमा कराया जाता है.

* मृतक के परिजनों को धनादेश व खाते में एफडी
वन्य प्राणियों के हमले में मृत होने वाले व्यक्ति के वारिस को 25 लाख रुपए की सहायता राशि में से कुछ रकम धनादेश के तौर पर प्रदान की जाती है. वहीं शेष रकम को उसके नाम पर एफडी यानि सावधि जमा करा दिया जाता है.

* वन्य प्राणी का हमला होने पर 1926 हेल्प लाइन पर करें कॉल
किसी भी व्यक्ति पर वन्य प्राणी द्वारा हमला होने की स्थिति में नागरिकों ने वनविभाग के हेल्पलाइन क्रमांक 1926 पर फोन करते हुए जानकारी देनी चाहिए अथवा वनविभाग के नजदीकी कार्यालय में प्रत्यक्ष पहुंचकर सूचित करना चाहिए.

* अब तक कई लोगों को दी जा चुकी सहायता
जिले में जारी वर्ष के दौरान वन्य प्राणियों द्वारा इंसानों पर हमला करने की कई घटनाएं घटित हुई है. जिसमें से सभी घायलों को नियमानुसार मदद दिये जाने की जानकारी वनविभाग द्वारा दी गई है. लेकिन कुछ स्थानों पर सहायता राशि दिये जाने में विलंब होने का भी आरोप है.

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