* दर्यापुर में सर्वाधिक 11 पर्चे किए गए अस्वीकार
* विधानसभा चुनाव-2024
अमरावती/दि. 30 – 20 दिनों बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मतदान हेतु दायर जिले की 8 सीटों के 274 नामांकन में से समाचार लिखे जाने तक दो दर्जन से अधिक पर्चे खारिज कर दिए गए थे. चुनाव अधिकारियों ने विविध कागजात न होने और कहीं-कहीं पर्चे आधे-अधूरे भरे होने का कारण बताकर नामांकन रद्द किए जाने की जानकारी दी. सर्वाधिक 11 पर्चे दर्यापुर की आरक्षित सीट से खारिज किए जाने का समाचार दोपहर को प्राप्त हुआ था. वहीं धामणगांव रेलवे, तिवसा और अचलपुर ऐसे निर्वाचन क्षेत्र रहे जहां सभी नामांकन जांच के बाद वैध पाए गए.
* मोर्शी में 3 खारिज
जानकारी के अनुसार मोर्शी में 32 नामांकन दाखिल हुए थे. यहां 3 नामांकन जांच के बाद अवैध अथवा रद्द किए गए. उनमें अमोल रामराव भुयार, गुलाब भगवान ढोके और प्रीतम रामराव धाकडे का समावेश है. इसी प्रकार मेलघाट क्षेत्र से 4 नामांकन खारिज किए गए. उनमें संदीप तोटे, रामचरण चव्हाण, मालती कास्देकर, रतिलाल पटोरकर का समावेश है. वहां 28 पर्चे दाखिल किए गए थे. बडनेरा में भी बडी संख्या में नामांकन दायर हुए थे. किंतु 7 नामांकन अवैध माने गए. जिसमें प्रशांत खंडार, प्रेमदास मानकर, मुकेश तांडीवे, संगीता जामनेकर, महेंद्र चवरे, देवराव मोलके और वैभव वटकर शामिल है. दर्यापुर में 43 पर्चो की जांच पश्चात 11 अस्वीकार किए गए. वहीं तिवसा में 36, धामणगांव रेलवे में 28 अचलपुर में 30 सभी नामांकन सही रहने की जानकारी अधिकारियों ने जांच पश्चात दी.
धामणगांव रेलवे – 28 नामांकन, सभी वैध
मोर्शी – 32 नामांकन, 29 वैध
तिवसा – 36 नामांकन, सभी वैध
मेलघाट – 28 नामांकन, 24 वैध
अमरावती – 30 नामांकन, —-
बडनेरा – 47 नामांकन, 40 वैध
अचलपुर – 30 नामांकन, सभी वैध
दर्यापुर – 43 नामांकन, 32 वैध
* सोमवार तक पीछे ले सकते हैं नामांकन
विधानसभा चुनाव का पर्चा वापस लेने की अंतिम तिथी 4 नवंबर सोमवार होने से उम्मीदवारों की कुल संख्या और अंतिम स्थिति उसी दिन स्पष्ट हो सकेगी. नामांकन दायर करनेवाले सोमवार की दोपहर 3 बजे तक अपना नाम पीछे ले सकते हैं.
* बागियों की मानमनौवल
सभी दलों और संगठनों में इस बार विद्रोह हुआ है. महायुति और महाविकास आघाडी में भी पदाधिकारियों ने बगावत की है. उन्हें चुनावी अखाडे से दूर रहने कहा जा रहा है. विनती की जा रही है. सूत्रों की माने तो इन सभी बागी उम्मीदवारों को भविष्य में किसी सरकारी पद का भी प्रलोभन दिया जा रहा है. अब कितने बागी अपने कदम पीछे लेते हैं, यह देखनेवाली बात होगी. कई क्षेत्रों में बागियों के हटने या डटने से समीकरणों पर प्रभाव पडेगा.