अमरावती

विदर्भ का 25 प्रतिशत जंगल आग में खाक

व्याघ्र प्रकल्प व वनक्षेत्र में अलर्ट घोषित

अमरावती/दि.6– वर्तमान में मौसम का पारा 41 डिग्री सेल्सिअस पर पहुंचने से वन परिसर में आग लगने की घटनाएं बढ गई है. इन घटनाओं में अब तक विदर्भ का 25 प्रतिशत जंगल जलकर खाक हो गया है. इसलिए वन परिक्षेत्र में आग बढने से रोकने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे है. वनक्षेत्र, व्याघ्र प्रकल्प में अलर्ट जारी किया गया है. इसी के तहत नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर विशेष सेवा कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई है. लेकिन जंगल में फैसने वाली आग पर नियंत्रण के लिए कर्मचारियों को भारी मशक्कत करनी पड रही है.
हर साल जंगल क्षेत्र व व्याघ्र प्रकल्प क्षेत्र में आग लगने की घटनाएं घटती है. ग्रिष्मकाल में यह घटनाएं बढ जाती है. लेकिन इस वर्ष मार्च महीने से ही सूरज ने आग उगलना शुरु किया. अप्रैल महीने में जंगल में आग लगने की घटनाएं तेजी से बढी. जिससे राज्य के वनपरिक्षेत्र को आग से बचाने का विशेष नियोजन वन्यजीव प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने एक ऑनलाइन बैठक कर किया. राज्य के वन विभाग को नासा के सैटेलाइट द्बारा फायर अलर्ट मिलता है. अत्याधूनिक संसाधन व सामग्री के अभाव में जंगल क्षेत्र तथा व्याघ्र प्रकल्प में आग रोकने में दिक्कतों का सामना करना पडता है. फिर भी वन मजदूर, वन रक्षक, वन परिक्षेत्र अधिकारी, सहायक वन संरक्षक उप वन संरक्षक से मुख्य वन सरक्षक तक सभी को जंगल में लगने वाली आग पर काबू पाने की जिम्मेदारियां सौंपी गई है.

* ऐसी मिलती है आग की जानकारी
नासा का फायर अलर्ट यह वन विभाग के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ है. सभी वन कर्मचारियों ने फायर एप डाउनलोड किया है. जिससे वन क्षेत्र में कहा पर आग लगी इसकी डिटेल जानकारी प्राप्त होती है. राज्य, घटनास्थल, जिला, गांव, बिट व कक्ष ऐसी जानकारी संबंधित वनकर्मचारियों के मोबाइल पर सैटेलाइट द्बारा मिलती है. लेकिन इस वर्ष वन विभाग का डेराडून का फायर अलर्ट 24 घंटे देरी से मिलने की शिकायत है.

* जागते रहो की सुचना
राज्य में सह्याद्री, मेलघाट, तांडोबा, नागझिरा, बोर, पेंच यह व्याघ्र प्रकल्प तथा नागपुर, अमरावती, औरंगाबाद, यवतमाल, पुणा, ठाणा, कोल्हापुर, नासिक, धुलिया, चंद्रपुर, गडचिरोली इन प्रादेशिक वन विभाग में कर्मचारियों को जागते रहो की सुचना दी गई है.

* नियंत्रण कक्ष स्थापित
वन क्षेत्र में बढती आग को रोकने के लिए नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है. उसी प्रकार विशेष सेवा कर्मचारियों की नियुक्ति भी की गई है. यदि कोई जंगल में आग लगाने का दोषी पाया जाता है, तो ऐसे व्यक्ति पर कडे कार्रवाई के आदेश दिये गये है.
– सुनिल लिमये, प्रधान मुख्य वन सरक्षक, वन्यजीव विभाग

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