
अमरावती/ दि. 23-होटल प्राइम पार्क में रिम्सकान सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जिसमें 250 डॉक्टरों ने सहभाग लिया. सम्मेलन की शुरूआत आरईएमएस अस्पताल के चेयरमैन द्बारा की गई. सम्मेलन के दौरान श्याम राठी ने बताया कि आरईएमएस अस्पताल को चार साल पूर्ण हो चुके है और अस्पताल पांचवे वर्ष में पदार्पण करने जा रहा है. श्याम राठी ने अस्पताल की चार वर्षो की उपलब्धियाेंं की जानकारी संक्षिप्त में दी और कहा कि अस्पताल में बाह्य रोगी और आंतरिक रोगियों की संख्या बढ रही है और अस्पताल का हर विभाग प्रगति कर रहा है.
शहर के इस अस्पताल में पहली बार सैकडों जटिल ऑपरेशन किए गये. अस्पताल सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है. यहां सभी प्रकार के रक्त का परीक्षण किया जाता है और मरीजों के लिए रक्त संकलन कर रखने की भी व्यवस्था यहां है. अस्पताल का 50 से अधिक बीमा कंपनियों के साथ गठजोड है. यहां किडनी प्रत्यारोपण को भी मंजूरी दी गई है. सभी सुविधाओं से उपलब्ध इस अस्पताल का उदघाटन केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हस्ते किया गया था. इसके अलावा अस्पताल के सामने सडक विभाजन का सौंदर्यीकरण भी किया गया है.् इसका उद्घाटन भी केन्द्रीय मंत्री गडकरी के हस्ते किया गया था.
ं सभी ने अस्पताल द्बारा की गई सामाजिक पहल की सराहना की. रिम्स कॉन सम्मेलन में सर्वप्रथम अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. प्राल कडू ने सभी डॉक्टरों की समस्याओं का समाधान किया. वहीं डॉ. नीलेश चांडक व डॉ. आदित्य गुप्ता (हृदयरोग विशेषज्ञ) ने भी संबोधित किया.् डॉ. तक्षक देशमुख (प्लॉस्टिक सर्जरी विशेषज्ञ ) ने अपने व्याख्यान में स्लाइडों के माध्यम से अपने सभी रोगियों का अवलोकन करवाया. इस अवसर पर डॉ. हितेष गुल्हाने (न्यूरोलॉजिस्ट ) ने भी महत्वपूर्ण जानकारियां दी. उसके बाद प्राल कडू और डॉ. सोहम घोरमडे ने अपने संबोधन के दौरान एक बहुत ही गंभीर रोगी की बीमारी के विश्लेषण और उसके इलाज और छूट का विस्तृत विवरण दिया. डॉ.् सुयोग राठी ने घुटनों के दर्द को लेकर उचित मार्गदर्शन किया. साथ ही डॉ. आशा ठाकरे ने एक साक्षात्कार में अपने आपके साथ अंक विषय पर तनाव मुक्ति को लेकर संबोधित किया और 5 मिनिट का ध्यान भी किया. पूरे वातावरण को शांतिपूर्ण बनाया. अस्पताल के सभी विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उपस्थित डॉक्टरों के सवालों के जवाब दिए और उनकी समस्याओं का समाधान किया. सम्मेलन का संचालन दंत चिकित्सक डॉ. स्नेहल राठी ने किया. सम्मेलन के पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया था. जिसमें सभी डॉक्टरों ने हिस्सा लिया.