अमरावती/दि.1 – कोरोना महामारी के कारण जनजीवन प्रभावित होने के साथ ही इसका असर न्याय व्यवस्था पर भी पड़ा है. राज्य में सुरक्षित और आदर्श जेल के रुप में माने जाने वाले अमरावती मध्यवर्ती कारागृह में भी कोरोना का असर साफ नजर आ रहा है. 1100 कैदियों की क्षमता वाले अमरावती जेल में वर्तमान में एक हजार कच्चे व सजा याफ्ता कैदी है. करीबन 250 कैदी सजा पूरी होने के बाद जेल से बाहर किये गये हैं.
कोरोना के चलते पहले कैदियों को 45 दिन की पेेरोल अवकाश पर मंजूर किया जा रहा था. सरकार के निर्देशों पर 20 दिन की बढ़ोत्तरी की गई. पेरोल अवकाश पर 250 कैदी जेल से बाहर है. शुरुआत में जेल में कोरोना का प्रादुर्भाव दिखाई देने से प्रशासन व्दारा सावधानी बरतते हुए हरसंभव उपाय किये जाने से कोरोना पर काबू पाया गया. किसी भी कैदी को जेल में लाने से पूर्व उसकी कोरोना टेस्ट अनिवार्य की गई. बावजूद इसके सख्ती के साथ 15 दिन क्वारटाइन किया जा रहा है. अमरावती जेल की ओर से अंध विद्यालय को अस्थायी जेल बनाकर वहां कैदियों के क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई है.
न्यायीक हिरासत में जेल रवाना किये गये दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले के आरोपी विनोद शिवकुमार को अंध विद्यालय में क्वारंटाइन किया गया है.