अमरावती

चार माह में 2500 सांपों को दिया गया जीवनदान

प्रहार सर्पमित्र संगठन के हीरास्वामी अन्ना व अन्य सर्पमित्रों की पहल

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१३ – शहर सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में गर्मी के दिनों में लोगों के घरों सहित आसपास के इलाकों में सांप निकलते है. इनमें ज्यादातर सांप कोबरा, वाइपर और सेकरीकीट के सिपौले होते है.ठंडी जगहों की तलाश में ज्यादातर कोब्रा व वाइपर सांप ही घरों में निकलते है. बीते चार माह के आंकडों पर नजर डाले तो प्रहार सर्पमित्र संगठन सर्पमित्रों ने 2500 से 300 विविध प्रजातियों के सांपो को जीवनदान दिया है. इन सभी सांपों को पकडकर सुरक्षित जंगल में छोडने का काम प्रहार सर्पमित्र संगठन की ओर से किया जा रहा है.
यहां बता दे कि सांप यह किसानों के मित्र कहलाते है. ज्यादातर सांप खेतों में ही निकलते है. यह सांप किसानों की खेत की फसलों को चौपट करने वाले चूहों, गिलहरी जैसे छोटे जीवजंतुओं को अपना भक्ष बनाते है. लेकिन इन दिनों किसानों ने अपने खेतों में फसल को काटकर घर में लाकर रखा है. जिसके चलते खेत खलियान पूरी तरह से सूने नजर आ रहे है. वहीं बढ रही धूप के चलते जमीन भी तप रही है ऐसे में ठंडक पाने के लिए और अपनी भूख मिटाने के लिए सांपों का शहर और ग्रामीण इलाकों में घरों में प्रवेश हो रहा है. अमरावती शहर के राहुल नगर, दस्तुर नगर सहित अन्य झुग्गी बस्तीयों के अलावा बडनेरा, नई बस्ती, जूनी बस्ती, दाभा, अंजनगांव बारी, धानोरा, धवलसरी, हिवरा, जावरा, माउली, चाणसूरा, सारसी, काजना, राजना, पिंपरगांव निपानी, रामगांव, खारडगांव, पाचोरा सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के घरों में कोबरा, वाइपर प्रजाति के सांपों के दर्शन होते है. ज्यादातर लोग सांप दिखाई देने पर लाठी लेकर उसे मारने के लिए दौडते है. वहीं कुछ लोगे ऐसे होते है जो तुरंत सर्पमित्रों से संपर्क करते है और सर्पमित्र उन गांवों में पहुंचकर सांपों को पकडकर जंगल क्षेत्र में सुरक्षित छोड देते है. प्रहार सर्पमित्र संगठन के संस्थापक अध्यक्ष हीरास्वामी अन्ना ने बताया कि, संगठन के सर्पमित्रों द्बारा बीते चार माह में 2500 से अधिक सांपों को जीवनदान दिया गया है. इनमें ज्यादातर कोबरा व वाइपर सांप ही मिले है. कोबरा व वाइपर प्रजाति के सांप जहरीले होते है. वहीं कुछ सांप के सपैलों को भी जीवनदान दिया गया है. गर्मी के दिनों में सेक्रिटीकल (पानदीवळ) यह बगैर जहरीले सांप भी ज्यादा निकलते है. खासतौर पर गर्मी में इस प्रजाति के सांप के अंडो से सपौले निकलते है.

  • सांप से ज्यादा सर्पमित्रों को खतरा

खेत खलिया हो या फिर घरों के आसपास निकलने वाले जहरीले सांपों को जीवनदान देते समय सर्पमित्रों को काफी खतरा मोड लेना पडता है. सांपों को सुरक्षित रुप से पकडने के लिए सर्पमित्रों के पास आवश्यक साधन सामग्री का भी अभाव रहता है. ऐसे में कभी-कभी सांप के दंश से सर्पमित्र की भी जान जाती है. इसलिए सर्पमित्रों को सर्प दंश के खतरे स बचाने के लिए आवश्यक साधन सामग्री मुहैया कराने के लिए पर्यावरण प्रेेमी सहित सामाजिक व राजनीतिक दल के लोगों ने आगे आना चाहिए. सर्पमित्रों को सैफ्टी रोप, सैफ्टी शूज व सैफ्टी झूले की आवश्यकता है. यह महत्वपूर्ण सामग्री उपलब्ध कराने पर ध्यान देने की मांग प्रहार सर्पमित्र संगठन की ओर से की गई है.

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