एक वर्ष में गौवंश तस्करों पर 251 कार्रवाई
2, 251 गौवंश की बचाई जान, 70 तस्करों को धर दबोचा

अमरावती/दि. 22-गोवंश की तस्करी देश में गंभीर समस्या बन चुकी है. हर साल लाखों गोवंशों को अवैध रूप से देश के अलग- अलग हिस्सों में बेचा जाता है. जिले में एक वर्ष में तस्करों पर 251 कार्रवाई की गई. जिसमें ग्रामीण पुलिस ने 192 कार्रवाई में 1534 गोवंश और 118 वाहन ऐसे कुल मिलाकर 13 करोड 73 लाख 99 हजार 100 रूपए के मुद्देमाल जब्त किया है. वहीं शहर पुलिस आयुक्तालय में 59 मामले सामने आए. शहर पुलिस ने वाहन और गौवंश सहित कुल 3 करोड 20 लाख 62 हजार 845 रूपए का मुद्देमाल जब्त किया. साथ ही 70 तस्करों को धर दबोचा. यह तस्कर इन गौवंशों को अवैध रूप से पडोसी राज्य में बेचने का काम करते हैं.
बिहार, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्यों से तस्करी के मामले अधिक सामने आते है. तस्करी के लिए इस्तेमाल होनेवाले रास्ते अक्सर गांवों और जंगलों से होते है. जहां पुलिस की पैनी नजर नहीं होती. शहर पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत साल 2024 में अपराध शाखा पुलिस ने गौवंश तस्करों पर कुल 59 कार्रवाई की है. कार्रवाई में 70 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और 43 वाहन 1 करोड 60 लाख 95 हजार कीमत के जब्त किए गये. इसके अलावा 617 गौवंश जिसकी कीमत 1 करोड 59 लाख 67 हजार 845 रूपए ऐसा कुल मिलाकर 3 करोड 20 लाख 62 हजार 845 रूपए का मुद्देमाल जब्त किया गया. साल 2023 में गौवंश तस्करी के 56 मामले सामने आए थे. जिनमें कुल 91 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से 39 वाहन 2 करोड 76 लाख 10 हजार रूपए कीमत के जब्त किए गये. 56 कार्रवाई में अपराध शाखा ने 416 गौवंश जिसकी कीमत 62 लाख 91 हजार रूपए है. ऐसे कुल मिलाकर 3 करोड 39 लाख 1 हजार रूपए का मुद्देमाल जब्त किया.
* पुलिस कार्रवाई बेअसर
देशभर में गौवंश तस्करी को रोकने के लिए सरकार द्बारा अनेक सख्त कानून बनाए गये हैं. पुलिस प्रशासन द्बारा भी समय- समय पर छापा मार कार्रवाई की जाती है. हालांकि कानून की सख्ती के बावजूद भी तस्करी की घटनाएं बढ ही रही है और पुलिस कार्रवाई भी बेअसर दिखाई दे रही है.
* ग्रामीण पुलिस ने 1534 गौवंशों को दिया जीवनदान
ग्रामीण पुलिस ने जिले के विविध थाना क्षेत्र अंतगत साल 2024 में तस्करों पर 192 कार्रवाई की है और 1534 गौवंशों का ेजीवनदान दिया.