अमरावतीमहाराष्ट्र

90 दिनों में 251 किसान आत्महत्याएं

हर 9 घंटे में एक किसान लगा रहा मौत को गले

* पश्चिम विदर्भ के किसान आसमानी व सुलतानी संकट में फंसे
अमरावती/दि.10 किसान आत्महत्याओं के लिए कुख्यात रहने वाले पश्चिम विदर्भ में लाख प्रयास करने के बावजूद भी किसान आत्महत्याओं का सिलसिला रुक नहीं रहा. जारी वर्ष की पहली तिमाही के दौरान 90 दिनों में पश्चिम विदर्भ के 251 किसानों ने अपने ही हाथों मौत को गले लगा लिया है. यह सभी किसान आसमानी व सुलतानी संकट का शिकार कहे जा सकते है.
बता दें कि, प्राकृतिक आपदा, फसलों की बर्बादी, सिर पर रहने वाले कर्ज के बोझ, बच्चों की पढाई लिखाई, बेटियों की शादी तथा घर में किसी सदस्य के इलाज पर होने वाले खर्च जैसी वजहें किसानों के संघर्ष पर भारी पड रही है. जिसके चलते निराशा का शिकार होकर किसानों द्वारा आत्मघाती कदम उठाये जा रहे है. वहीं दूसरी ओर किसानों को ऐसे आडे वक्त में संभालने के लिए सरकार व प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों के प्रयास भी नाकाम साबित हो रहे है. डीबीटी पद्धति के जरिए जरुरतमंद किसानों को सरकारी योजना का लाभ मिलेगा ही इसकी कोई गारंटी नहीं बची है. जिसके चलते किसान आत्महत्याओं का सिलसिला बदस्तुर जारी है और इसके प्रमाण में वृद्घि भी हो रही है.
उल्लेखनीय है कि, राज्य में सर्वाधिक किसान आत्महत्याएं पश्चिम विदर्भ में होती है. इसमें भी अमरावती व यवतमाल जिलों में किसान आत्महत्याओं का प्रमाण सबसे अधिक है. राज्य के 14 जिलों को किसान आत्महत्याग्रस्त जिले घोषित करते थे. सन 2001 से किसान आत्महत्याओं की जानकारी को स्वतंत्र रुप से दर्ज करना शुरु किया गया. जिसके मुताबिक स्थानीय संभागीय आयुक्त कार्यालय द्वारा राज्य सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक इस कालावधि के दौरान अमरावती संभाग में 21,401 किसानों द्वारा आत्महत्या की गई है. जिसमें से 10,037 मामलों को सरकारी सहायता हेतु पात्र मानते हुए 10,010 मामलों में सरकारी सहायता प्रदान की गई. वहीं 11,097 मामलों को सरकारी सहायता हेतु अपात्र घोषित कर दिया गया. 267 मामलों को जांच हेतु प्रलंबित रखा गया है.

* राज्य में सर्वाधिक किसान आत्महत्याएं यवतमाल जिले में
राज्य में सर्वाधिक किसान आत्महत्याएं यवतमाल जिले में होती है और यवतमाल जिला किसान आत्महत्याओं को लेकर पूरे राज्य में कुख्यात है. जारी वर्ष में जनवरी से मार्च माह के दौरान ही यवतमाल जिले में 81 किसानों ने खुद अपने ही हाथों मौत को गले लगाया है. वहीं इस कालावधि के दौरान अमरावती जिले में 50, अकोला में 48, बुलढाणा में 42, वाशिम में 30 किसानों द्वारा आत्महत्या की गई.

* जारी वर्ष में किसान आत्महत्याओं के आंकडे
जनवरी                            80
फरवरी                            68
मार्च                               105
पात्र मामले                       31
अपात्र मामले                    23
सहायता प्रदान                 12
जांच हेतु प्रलंबित              197

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