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मुंबई, नागपुर, पुणे मध्यवर्ती कारागृह कोरोना संक्रमण में सबसे आगे
अमरावती/दि.३० – राज्य के कारागृह में अब तक २५४३ कैदी व कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाये गए. इसमें १९३९ कैदी और ३८८ कर्मचारी ने पॉजिटीव टू निगेटीव ऐसी यात्रा करते हुए कोरोना को मात दी. ५ कर्मचारी व ६ कैदियों की कोरोना के कारण मौत हो गई. मुंबई, पुणे व नागपुर मध्यवर्ती कारागृह कोरोना संक्रमितों की संख्या में सबसे आगे है. राज्य में ९ मध्यवर्ती कारागृह, ११ खुले कारागृह, ४७ जिला कारागृह श्रेणी-१ व २ और महिला कारागृह में कोरोना ने जैसे ही एन्ट्री की गृह विभाग घबरा गया. संक्रमित मरीजों के कारण नए और पुराने कैदियों में विभाजन किया गया. इसके कारण कारागृह में संक्रमित मरीजों की संख्या रोकने में सफलता मिली. अमरावती मध्यवर्ती कारागृह में ११० संक्रमितों के नाम दर्ज किए गए. इसमें से १०५ कैदी व ५ कर्मचारियों का समावेश हैं. ९० कैदी तथा ३ कर्मचारी कोरोना मुक्त हुए हैं. सबसे पहले मुंबई के ऑर्थर रोड मध्यवर्ती कारागृह में संक्रमित मरीज पाया गया. कारागृह के संक्रमित मरीजों के बारे में जानकारी लेने के लिए पुणे स्थित कारागृह के उपमहानिरीक्षक एस.वी.खटावकर से संपर्क साधा गया. मगर वे उपलब्ध नहीं थे.
अस्थायी जेल में कैदी क्वारेंटाइन न्यायालय के आदेश के अनुसार कारागृह में आने वाले कैदियों को अस्थायी कारागृह में ७ दिन क्वारेंटाइन रखना बंधनकारक किया गया है. इसके कारण पुराने कारागृह के कैदी, कर्मचारी का नए कैदियों से संपर्क नहीं हुआ. कोरोना को लेकर कारागृह प्रशासन ने नए कैदियों के लिए नियमावली का कडाई के साथ पालन किया. इसके साथ अधिकांश कारागृह कोरोना के हॉटस्पॉट बनने से पहले रोका गया. ७ दिन के बाद स्वास्थ्य जांच कर नए कैदियों को पुराने कारागृह में भेजने की प्रक्रिया चलाई गई.
कारागृह निहाय कैदियों की मौत
- अमरावती- १
- धुले- १
- येरवडा- २
- तलोजा- २
कर्मचारियों की मौत
- तलोजा- १
- वाशिम-१
- अमरावती- १
- विसापुर- १
- येराडा- १
– संक्रमित कैदी २०१०
– कोरोना पर मात १९३८
– इलाज शुुरु ६१
– संक्रमित कर्मचारी ४५३
– कोरोना पर मात ३८८
– इलाज जारी ६५