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25 जनवरी तुम्हारी, 26 जनवरी हमारी

प्रकल्पग्रस्तों ने दी जिला प्रशासन को सी धमकी

* 26 को राज्य हिला डालने लायक आंदोलन करने की दी चेतावनी
* अमरावती में डिटेन प्रकल्पग्रस्तों का रात भर चला आंदोलन
* सुबह प्रतिनिधि मंडल की जिलाधीश के साथ हुई चर्चा
* जिलाधीश ने 15 दिन का मांगा समय, समस्या हल करने का दिया आश्वासन
* 15 दिन की मोहलत देकर प्रकल्पग्रस्त लौटे अपने-अपने गांव
* मांगे पूरी नहीं होने पर 26 को जबर्दस्त आंदोलन करने की बात भी कही
अमरावती/दि.9 – अपनी प्रलंबित मांगों के लिए मंत्रालय का घेराव करने मोर्शी से मुंबई जाने निकले 300 से अधिक प्रकल्पग्रस्तों को बीती शाम पुलिस द्वारा मोर्शी में ही अडा दिया गया था तथा उन्हें डिटेन करते हुए जिलाधीश कार्यालय लाया गया था. जहां पर देर रात तक शिदोरी आंदोलन करते हुए डिटेन किये गये प्रकल्पग्रस्तों ने जोरदार नारेबाजी व प्रदर्शन करना जारी रखा. जिन्हें रात में दंड से बचाने तथा विश्राम करने हेतु पंचवटी चौक स्थित गुरुदेव प्रार्थना सभा भवन में ले जाकर रखा गया था और आज सुबह एक बार फिर जिलाधीश कार्यालय परिसर में लाया गया जहां पर उमेश शहाणे के नेतृत्व में 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधीश सौरभ कटियार के साथ चर्चा की. इस समय जिलाधीश कटियार ने मुंबई मंत्रालय स्थित सचिवालय से बातचीत करने के साथ ही प्रकल्पग्रस्तों को आश्वस्त किया कि, आगामी 15 दिन के भीतर उनकी समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा. जिलाधीश कटियार के इस आश्वासन पर भरोसा रखते हुए प्रकल्पग्रस्तों ने सरकार एवं प्रशासन को अगले 15 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि, यदि आगामी 25 जनवरी तक अप्पर वर्धा बांध के प्रकल्पग्रस्तों की समस्याओं का समाधान नहीं निकलता है, तो 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस वाले दिन अपर वर्धा बांध के प्रकल्पग्रस्तों द्वारा ऐसा आंदोलन किया जाएगा, जिसकी सरकार एवं प्रशासन ने कल्पना भी नहीं की होगी और उस आंदोलन से पूरे राज्य में भुचाल आ जाएंगा. क्योंकि उस आंदोलन में प्रत्येक प्रकल्पग्रस्त के सभी परिजनों द्वारा हिस्सा लिया जाएगा. अपनी इसी उद्घोषणा के बाद सभी प्रकल्पग्रस्त पुलिस द्वारा मुहैय्या कराई गई एसटी बसों में सवार होकर मोर्शी तहसील स्थित अपने-अपने गांव जाने के लिए रवाना हुए.
बता दें कि, अपनी विभिन्न मांगों के लिए अपर वर्धा प्रकल्पग्रस्त कृति समिति द्वारा मोर्शी तहसील कार्यालय के समक्ष 19 मई 2023 से आत्मक्लेश आंदोलन किया जा रहा है. जिसे शुरु हुए 245 दिन हो गये है. अपनी मांगों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने हेतु 10 से 12 प्रकल्पग्रस्तों ने 25 अगस्त 2023 को मुंबई स्थित मंत्रालय की तीसरी मंजिल से सुरक्षा जाली पर छलांग लगाते हुए जोरदार नारेबाजी की थी. उस समय सीएम एकनाथ शिंदे ने 15 दिन के भीतर बैठक बुलाकर समस्या को हल करने का आश्वासन दिया था. पश्चात 5 माह के भीतर पुनर्वसन मंत्री अनिल पाटिल द्वारा दो बैठके ली गई और बैठक में हुए निर्णयानुसार वर्धा व अमरावती के जिलाधिकारियों द्वारा राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तूत की गई. परंतु राज्य सरकार ने इसे लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है. जिसके चलते मंत्रालय का एक बार फिर घेराव करने हेतु प्रकल्पग्रस्तों ने मुंबई जाने की घोषणा की थी और कल करीब 300 प्रकल्पग्रस्त निजी बसों में सवार होकर मुंबई जाने के लिए रवाना होने वाले थे. जिसके संदर्भ में जानकारी मिलते ही जिलाधीश के आदेश पर पुलिस इन प्रकल्पग्रस्तों को मोर्शी में ही रोक लिया. साथ ही उन्हें डिटेन करते हुए बीती शाम जिलाधीश कार्यालय लाया गया. जहां पर प्रकल्पग्रस्तों ने पूरी रात जागकर काटी और ठिया आंदोलन करते हुए जबर्दस्त नारेबाजी भी की. जिसकी वजह से पूरी रात इस परिसर में अच्छा खासा हडकंप व्याप्त रहा.
साथ ही आज सुबह से भी जिलाधीश कार्यालय परिसर के चारो ओर तगडा बंदोबस्त लगाया गया था. साथ ही रात भर से पंचवटी चौक स्थित गुरुदेव प्रार्थना सभा भवन में भी जबर्दस्त सुरक्षा इंतजाम थे. आज सुबह कडी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सभी प्रदर्शनकारियों को एसटी बसों को बिठाकर दुबारा जिलाधीश कार्यालय परिसर लाया गया और उन्हें बचत भवन के पास छांववाली जगह में बिठाया गया. जहां से 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को जिलाधीश कटियार से मुलाकात करने हेतु ले जाया गया. करीब आधे-पौन घंटे तक चली इस बातचीत के दौरान प्रकल्पग्रस्तों की ओर से प्रतिनिधि मंडल ने प्रशासन के समक्ष अपनी मांगों को रखा तथा हर हाल में मुंबई जाने की बात दोहराई. जिसके बाद जिलाधीश कटियार ने प्रकल्पग्रस्तों की मुंबई स्थित सचिवालय से बात करवाई और प्रकल्पग्रस्तों को आश्वासन दिया कि, आगामी 15 दिनों के भीतर उनकी समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा, अत: वे अपना आंदोलन पीछे ले. जिसे स्वीकार करते हुए प्रकल्पग्रस्तों द्वारा प्रशासन को 15 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा गया कि, यदि 25 जनवरी तक उनकी मांगे पूर्ण नहीं होती है, तो प्रकल्पग्रस्तों द्वारा 26 जनवरी को बेहद तीव्र आंदोलन किया जाएगा.
इस आंदोलन में शिवसेना उबाठा के उपजिला प्रमुख उमेश शहाणे सहित बैनाबाई पारिखे, नलिनी भेलंक, पीसाबाई नंदने, प्रमिला पारिसे, किशनराव सोनवने, महादेव खेडकर, दीपक पाटील, गजानन पुरी, विनायक लोखंडे, सागर काकपुर, दिलीप पडागडे, चरन बायस्कर, मनोहर वानखडे, रामदेव कडु, केदार कुंभरे, यशवंत बडोस, कैलाश मुंदाफले, अनिल दहिवडे, रामकृष्ण शेटे, मनीष श्रीराव, नरेन्द्र इंगोले, यशवंत बाडोदेकर, रमेश शिंदे, ललित घोरपडे, बालासाहेब गवई, नामदेव पाचारे, वासुदेव पारिसे, सुगत तापडे, नरेन्द्र भुरे, मोहन पात्रे, अभिजीत बोकाडे, रामदास बोकाडे, अमोल अलोने, प्रमोद खेडकर, सुनिल दिहाडी, सुनिल ठाकरे, कैलाश दिवे, रामदास नांदुरकर, दिलीप आमझिरे, भाऊ धुते, प्रितम खेडकर, शालिकराम गुल्हाने, निलेश माहुरे, रामदेव खेडकर, शाकिर हुसैन, जयदेव नंदने, रामराव नंदने, दयाचंद गुडधे सहित सैकडो अप्पर वर्धा प्रकल्पग्रस्त उपस्थित थे.

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