अमरावती

पिपल्या गावं की 26 वर्षीय गर्भवती की मृत्यु

आदिवासी अंचल में प्रसूताओं की मौत जारी

परतवाड़ा/मेलघाट/दी/३१-  उच्चन्यायालय के दिशा-निर्देश के बाद भी चिखलदरा और धारणी क्षेत्र में बालको और बाल माताओ की मृत्यु रुकने का नाम नही ले रही है.काटकुंभ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत पिपल्या गावं निवासी बुंदिया कासदेकर (उम्र 26)इस  प्रसूता को रुग्णालय ले जाने से पूर्व ही अपने प्राण गवाने पड़े.उसे अस्पताल ले जा रहे थे,तभी रास्ते मे उसकी मौत हो गई.इसके चलते मेलघाट की स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे है.विशेष यह कि जब उक्त महिला को रुग्णालय में लाया गया तब वहां एक भी कर्मचारी उपस्थित नही था.
चिखलदरा तहसील के काट कुंभ रुग्णालय के पिपल्या गावं की बुंदिया कासदेकर का नाम अति जोखिम की माता। के रूप में स्वास्थ्य विभाग के पास दर्ज है.28 दिसंबर को बुंदिया को प्रसूति वेदना होने लगी.गावं में एक भी आरोग्य कर्मी उपस्थित नही होने से परंपरागत दाई ने महिला की देखरेख शुरू की थी.दाई को भी प्रसूति करवाने में कठिनाई हो रही थी,तब तत्काल महिला को रुग्णालय ले जाने का निर्णय लिया गया.गावं की आशा वर्कर के साथ ही परिजन इस महिला को एम्बुलेंस में लेकर चूर्णी ग्रामीण रुग्णालय पहुंचे,लेकिन रास्ते मे ही महिला ने दम तोड़ दिया.विशेष उल्लेखनीय है कि उक्त महिला पांचवी मर्तबा गर्भवती हुई थी और उसे जोखिमपूर्ण माताओ की श्रेणी में रखा गया था.इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने महिला की एक बार भी सोनोग्राफी नही करवाई थी.महिला की मृत्यु होने का कोई भी स्पष्ट कारण अभी तक मालूम नही पड़ा है.
-आज भी घर मे होती प्रसूति-:
धारणी और चिखलदरा तहसील में आज भी अधिकांश महिलाओ की प्रसूति घर मे होने की बात स्वास्थ्य विभाग की आंकड़ेवारी से सामने आती है.अंचल में बाल माता मृत्यु की टक्केवारी भी ज्यादा है.इसकी वजह घर मे प्रसूति करने को बताया जाता है.
उक्त महिला को रुग्णालय में लाया गया तब उसकी मृत्यु हो चुकी थी.अत्यधिक रक्तस्राव  के कारण महिला की घर पर अथवा रास्ते मे मृत्यु होने का प्राथमिक अनुमान है.महिला का शव विच्छेदन किया जायेगा.महिला का कोई पूर्व वैधकीय रिकार्ड उपलब्ध नही है.
-डॉ रोशन इंगले,वैधकीय अधिकारी,ग्रामीण रुग्णालय,चुरणी
उक्त महिला की मृत्यु चुरणी रुग्णालय में होने की जानकारी मुझे मिली है.मृत्यु कैसे हुई इसके कारणों की जांच की जाएंगी.उसी के बाद सत्यता मालूम पड़ेंगी.
-डॉ रागेश्री माहुरकर,वैधकीय अधिकारी,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,काटकुंभ

Related Articles

Back to top button