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कर्मचारियों के सामने परिवार के भरनपोषण की समस्या निर्माण हुई
अमरावती/दि.१४ – लॉकडाउन के बाद एसटी महामंडल की बस सेवा शुरु की गई और रोजाना आय में भी वृध्दि हो रही है. मगर पिछले दो माह से एसटी महामंडल के कर्मचारियों का वेतन अदा नहीं किया गया, जिससे कर्मचारियों के सामने परिवार के भरनपोषण कैसे करना यह समस्या निर्माण हुई है.
कोरोना महामारी के बढते प्रादुर्भाव को देखते हुए २२ मार्च से राज्य में लॉकडाउन की घोषणा की गई. जिसके तहत एसटी बस सेवा भी बंद की गई थी. कुछ माह बाद एसटी बसे, ट्रान्सपोर्ट सेवा शुरु की जिससे एसटी महामंडल को कुछ आय मिलने लगी. इसके बाद एसटी महामंडल ने जिला अंतर्गत सेवा शुरु की. मगर चाहिए उतने यात्री नहीं मिल रहे थे. जिससे एसटी महामंडल को काफी घाटा हुआ. इसके बाद नागरिकों की सेवा में एसटी बस शुरु की गई. मगर महामारी के प्रादुर्भाव को देखते हुए एक एसटी बस में २२ यात्रियों को ही बैठने की अनुमति देते हुए फिर से बस सेवा शुुरु हुई है. यात्रियों की भीड को देखते हुए २२ अगस्त से जिले के बाहर एसटी बस सेवा शुरु हुई. इसी तरह पुणे की बस भी शुरु की गई, इसके कारण पिछले माह में एसटी की फेरिया ज्याद बढ गई और एसटी बस के कर्मचारियों को एक दिन के आड नौकरी पर बुलाने लगे.
फिलहाल रोजाना जिले से एसटी बस की ४०० से ४५० फेरियां हो रही है. हर दिन ७ से ८ लाख रुपए की आय प्राप्त हो रही है, मगर पिछले दो माह से कर्मचारियों को वेतन न मिलने के कारण परेशा हो गए है. इससे पहले कर्मचारियों को ढाई माह वेतन नहीं मिला, उन्होंने जैसे तैैसे वे दिन काटे, उसके बाद भी फिर से वहीं वक्त सामने आया. जुलाई व अगस्त का वेतन न होने के कारण कर्मचारी आर्थिक खतरे का सामना कर रहे है. कर्मचारी व्दारा तत्काल वेतन अदा करने की मांग की जा रही है.
वेतन मिलने की उम्मीद
वेतन नहीं मिला फिर भी काम बंद नहीं कर सकते, इसके कारण पास में रहने वाले रुपए और उधारी के भरोसे अब तक परिवार की गाडी जैसे तैसे चलाई, साथ ही बच्चों की पढाई, अस्पताल और खेत में भी रुपए लगे है, इसके कारण महामंडल से तत्काल वेतन मिलना बहूत जरुरी है.
-शंतनु मालवीय, मैकेनिक बडनेरा बस स्टेैंड
निधि का इंतजार
एसटी महामंडल के जिले में २६०० कर्मचारी है. पिछले दो माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला. करीब ६ करोड रुपए वेतन बकाया है. वेतन न मिलने के कारण कर्मचारी परेशान हो गए है. वरिष्ठ कब निधि भिजवाते है, इसका इंतजार है.
– श्रीकांत गभणे, विभागिय नियंत्रक एसटी महामंडल
गहने गिरवी रखे
लॉकडाउन में शुरुआत के ढाई माह काफी परेशानी में बीते. इसके बाद केवल ५० प्रतिशत ही वेतन दिया गया. अब और दो माह से वेतन नहीं मिला,जिसके कारण गहने गिरवी रखकर परिवार का भरनपोषण, बच्चों की पढाई का खर्च उठाया जा रहा है. वेतन तत्काल मिलना बहुत जरुरी है.
– मोहन शिरसाट, वाहक
ड्युटी शुरु मगर वेतन नहीं
ड्युटी शुरु है मगर वेतन न मिलने के कारण परिवार के सामने आर्थिक खतरा मंडराने लगाा है. बच्चों की पढाई और रोजाना लगने वाला खर्च कैसे उठाए, यह समस्या निर्माण हुई है. अधिकारी तत्काल वेतन अदा करते है तो कर्मचारियों में काम करने का उत्साह बना रहेगा.
– शहाबुद्दीन फारुकी, चालक