अमरावती

शहर के 265 विज्ञापन होर्डिंग, 1732 फलक अवैध

मनपा का कहना होर्डिंग धारक विज्ञान शुल्क देने तैयार नहीं

* होर्डिंग धारक कहते हैं किराया बेतहाशा, मनपा कागजपत्र भी स्वीकारने तैयार नहीं

अमरावती/दि.28– नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से होर्डिंग धारक स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी ऑडिट करने, विज्ञापन व लाइसेंस शुल्क अदा करने समेत कागजपत्र प्रस्तुत करने तैयार न रहने से शहर के 265 होर्डिंग व 1765 फलक तकनीकी दृष्टि से बिना लाइसेंस रहने से वे अनाधिकृत है, ऐसा मनपा प्रशासन ने कहा है. जबकि मनपा व्दारा निश्चित की गई जगह के दाम, विज्ञापन और लाइसेंस शुल्क बेतहाशा है. वह कागजपत्र भी स्वीकारने तैयार नहीं है. क्योंकि उन्हें निजी होर्डिंग नहीं चाहिए, ऐसा आरोप होर्डिंग धारक व विज्ञापन एजेंसी कर रही है. इस कारण न मनपा को आय मिल रही है और न ही विज्ञापनदाताओं का समाधान हो रहा है. इस कारण प्रकरण अधर में है.
शहर के 265 होर्डिंग धारकोें ने विज्ञापन शुल्क भी अदा नहीं किया है. मनपा के पास स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी ऑडिट समेत इमारत पर होर्डिंग लगाने की अनुमति व अन्य कागजपत्र भी प्रस्तुत नहीं किए है. परिणामस्वरुप उन्हें अनुमति नहीं मिली. इस कारण शहर में बिना अनुमति के लगाए गए हजारों फलक, बैनर पर भी मनपा को शुल्क लगाते नहीं आता. परिणामस्वरुप मनपा की प्रतिवर्ष करीबन 1.50 करोड का आय नहीं हो पा रही है. हम चर्चा करने और शुल्क भी अदा करने तैयार है. लेकिन मनपा व्दारा परवाना शुल्क 3 रुपए चौरस फुट तथा जगह का किराया 700 रुपए चौरस फुट निश्चित किया जा रहा है जो बेतहाशा है. इतना ही नहीं बल्कि जिन इमारतों पर विज्ञापन होर्डिंग है उस इमारत के संचालकों को तिगुना टैक्स लगाने की चेतावनी मनपा ने दी है. यह सभी बातें अन्यायकारक रहने से हमें न्यायालय में जाना पडा. न्यायालय ने भी मनपा को नियमानुसार शुल्क लेने के निर्देश दिए है. लेकिन मनपा न हमारी सुन रही है और कागजपत्र व शुल्क स्वीकार रही है, ऐसा होर्डिंग धारकों का कहना है.
2017 से जीएसटी अदा करते रहने से विज्ञापन होर्डिंग धारकों ने मनपा को विज्ञापन शुल्क देना बंद किया. लेकिन पुणे में विज्ञापन होर्डिंग गिरने से कुछ लोगों की मृत्यु होने के बाद 2022 में जिम्मेदारी निश्चित करने के लिए शासन ने विज्ञापन शुल्क वसूल करने का निर्णय लेते हुए वैसी सूचना मनपा को दी. पश्चात मनपा ने सभी विज्ञापन होर्डिंग धारकों को नोेटिस दी. उस नोटिस का जवाब न देते हुए होर्डिंग धारकों ने न्यायालय में गुहार लगाई. न्यायालय ने भी होर्डिंग धारकों को शुल्क भरने और मनपा को नियमानुसार शुल्क लेने के निर्देश दिए. इसके बावजूद राजनीतिक हस्तक्षेप तथा मनपा की उदासीनता के कारण यह प्रकरण अधर में है. बीच में मनपा व्दारा विज्ञापन होर्डिंग के लिए निविदा प्रक्रिया चलाई गई. लेकिन इसमें होर्डिंग धारक व एजेंसी शामिल नहीं हुए. क्योंकि इसमें 2160 रुपए चौरस फुट विज्ञापन के दर थे. वह काफी ज्यादा है. क्योंकि इतनी रकम कोई भी विज्ञापनदाता होर्डिंग धारक को देने तैयार नहीं है. इन सभी बातों के कारण यह प्रश्न हल नहीं हो पाया है.
* उपमुख्यमंत्री ने भी नियमों के मुताबिक चलने कहा
मनपा व्दारा हमारे पर अन्याय होने की शिकायत लेकर विज्ञापन होर्डिंग एजेंसी उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास गई थी. इस पर उपमुख्यमंत्री ने भी मनपा आयुक्त को नियम के मुताबिक कार्रवाई करने कहा है. मनपा व्दारा जगह का लिया जाने वाला किराया भी काफी अधिक रहने की बात विज्ञापन एजेंसी ने उपमुमख्यमंत्री के ध्यान में ला दी है.

 

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