अमरावती/प्रतिनिधि दि.३१ – एक ओर कोरोना का प्रादुर्भाव देश तथा राज्य में बढते समय ही जिले के 277 गांवों ने कोरोना की पहली तथा दूसरी लहर रोकने की ताकत दिखाई है. विशेष यह कि दूसरी लहर में मरीजों की संख्या बढ चुकी है फिर भी अनेेक गांवों ने अपनी सीमाएं सुरक्षित रखने में सफलता हासिल की है.
डेढ वर्ष के लगातार प्रयासों के बाद दूसरी लहर कमजोर होने अब शुरुआत हुई है. प्रशासकीय यंत्रणा पूरी तरह से थकी हुई दिखाई दे रही है. फिर भी तीसरी संभावित लहर का मुकाबला करने के लिए समूची यंत्रणा काम पर लगी है. पहली लहर में ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में बडी मात्रा में संसर्ग फैला था तथा दूसरी लहर में स्थिति कुछ अलग हुई है. दूसरी लहर के कोरोना में ग्रामीण क्षेत्र में संसर्ग बढाया है. जबकि उस तुलना में शहरी क्षेत्र में मरीज कम हुए है. कोरोना से दूर रहने वाले गांव के गांववासियों ने त्रीसूत्री का कडाई से पालन करने की बात दिखाई देती है. जिससे वर्तमान स्थिति में यह गांव कोरोना से दूर ही रहे है. दुर्गम के रुप में पहचाने जाने वाले मेलघाट के धारणी तथा चिखलरा तहसील समेत अन्य 12 तहसील के अनेक गांवों ने कोरोना को समय पर ही रोकने में सफलता हासिल की है.
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तहसील निहाय कोरोना मुक्त गांव
अमरावती 7, भातकुली 14, दर्यापुर 6, अंजनगांव सुर्जी 22, धारणी 13, चिखलदरा 15, चांदूर बाजार 27, वरुड 47, मोर्शी 35, तिवसा 4, नांदगांव खंडेश्वर 17, चांदूर रेलवे 24, धामणगांव रेलवे 13
कोरोना से 277 गांव दूर है. उसमें से कुछ गांव आदिवासी व गैर आदिवासी क्षेत्र के है. इन गांवों ने अब तक कोरोना को बॉर्डर पर ही रोका है. यह समाधान की बात है. इन गावों ने किस पध्दति से कोरोना को रोका है, इसका अभ्यास कर अन्य भी गांवों में उस संदर्भ के उपाय किये जाएंगे.
– अविशांत पंडा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिप.