अमरावती/ दि.4- जिले में अतिवृष्टि की वजह से हुए नुकसान की एवज में मुआवजा देने हेतु किसानों के लिए 480 करोड रुपए मिले है, लेकिन वापसी की बारिश के दौरान हुए नुकसान के लिए 278 करोड रुपयों की सहायता निधि हेतु अभी कुछ प्रतीक्षा करनी होगी. इस बार यह निधि सीधे सरकारी स्तर से किसानों के बैंक खाते में जमा कराई जाएगी. डीबीटी प्रक्रिया के जरिये मिलने वाली इस निधि के लिए प्रभावित किसानों की सभी आवश्यक जानकारियों को संकलित करते हुए उनकी सूची तैयार करने की प्रकिया फिलहाल चल रही है.
बता दें कि, जिले के सभी तहसील क्षेत्रों में जून से अगस्त माह के दौरान औसत से अधिक बारिश हुई और खेतों में पानी भर जाने के चलते 2,16,304 किसानों के 1,71,491 हेक्टेयर खेतों में फसलों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. पश्चात जिलाधीश पवनीत कौर ने 27 सितंबर को सरकार के पास रिपोर्ट भेजकर 227.75 करोड रुपए की सहायता निधि दिये जाने की मांग की. जिसे राज्य सरकार ने मान्यता भी प्रदान की. परंतु इस बार यह निधि बीडीएस प्रणाली पर न आते हुए सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा होने वाली है. इससे पहले सरकार व्दारा मंजूर की गई निधि विभागीय आयुक्तालय के पास आया करती थी. जहां से जिलाधीशों के जरिये संबंधित तहसीलों को निधि का वितरण किया जाता था. इसी दौरान पटवारियों व्दारा तैयार की गई प्रभावित किसानों की सूची संबंधित बैंक को दी जाती थी और फिर उन बैंकों को तहसीलदार कार्यालय के जरिये निधि आवंटित की जाती थी. जिसके बाद बैंकों व्दारा किसानों किसानों के खातों में सहायता निधि जमा करायी जाती थी, लेकिन अब इस पूरी प्रक्रिया को खारिज करते हुए सरकार के जरिये सहायता निधी सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा करायी जाएगी.
प्रभावित खाताधारक की ये जानकारी रहेगी जरुरी
मदद व पुनर्वसन विभाग के प्रधान सचिव व्दारा वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये दिये गए निर्देशानुसार प्रभावित किसानों की जानकारी तहसील स्तर पर संकलित की जा रही है. जिसमें जिला, तहसील व गांव का नाम, गट क्रमांक, जमीन का प्रकार, प्रभावित क्षेत्र, किसान का नाम, आधार क्रमांक, बैंक का नाम, खाता क्रमांक, आईएफएससी कोड व मोबाइल क्रमांक जैसी जानकारियां होना आवश्यक है.
संशोधन हेतु सूची का गांव में होगा प्रकाशन
तहसील स्तर पर ऑनलाइन प्रणाली के जरिये तैयार की गई सूची की जानकारी किसानों को देने के साथ ही सूची को लेकर किसी भी तरह के आपत्ति या आक्षेप रहने पर संशोधन हेतु प्रस्ताव आमंत्रित करने हेतु प्रभावित किसानों के नामों की सूची को गांव में प्रकाशित किया जाएगा. पश्चात सूची में आवश्यक संशोधन करने के उपरांत इस सूची को सरकार के पास प्रस्तुत किया जाएगा. जिसके उपरांत संबंधित किसान के बैंक खाते में सरकार व्दारा निधि जमा कराई जाएगी.
– 278 करोड रुपयों की निधि की मांग
– 1,71,491 हेक्टेयर प्रभावित क्षेत्र
– 2,16,304 प्रभावित किसान