कोविड से मृत 28 किसानों की संपत्ति बैंक के पास गिरवी
1 करोड 34 लाख रुपयों का दिया गया था कर्ज
सहकार आयुक्त ने जिला निबंधक से मांगी रिपोर्ट
संबंधित परिवारों को कर्जमाफी मिलने की संभावना
अमरावती/ दि.2- कोविड संक्रमण के चलते घर के प्रमुख कर्ता पुरुष की मौत हो जाने की वजह से कई परिवारों की आर्थिक स्थिति डामाडोल हो गई है. वहीं कोविड का शिकार होने वाले जिन कर्ता पुरुषों के सिर पर कर्ज का बोझ था अब वह बोझ उनके परिजनों के सिर पर आ गया है. यानी एक ओर तो घर में होने वाली आवक जाती रही, वहीं दूसरी ओर इन परिवरों को अब इस समस्या से दो-चार होना पड रहा है कि, आखिर वे अपना उदरनिर्वाह करें या फिर कर्ज की अदायगी करे. जानकारी के मुताबिक जिले में ऐसे 28 कोविड मृतकों के नाम 1.34 करोड रुपयों का कर्ज बकाया है. जिसके लिए संबंधित कर्जधारकों के घर, प्लॉट व खेत बैंकों के पास गिरवी पडे है, इन कर्जधारकों का कर्ज माफ होने के संदर्भ में सरकारी स्तर पर निर्णय होने की संभावना भी है. जानकारी के मुताबिक सहकार आयुक्त ने इसे लेकर जिला उपनिबंधक से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. जिसके चलते जिला उपनिबंधक व्दारा सहकार आयुक्त को अपनी रिपोर्ट भेज दी गई है.
बता दें कि, विगत दो वर्षों के दौरान कोविड संक्रमण के चलते कई समस्याएं पैदा हुई. इस दौरान अमरावती जिले में 1 हजार 596 नागरिकों की कोविड संक्रमण के चलते मौत हो गई. जिससे कई बच्चे अनाथ हो गए और कई परिवारों के प्रमुख कर्ता पुरुष चला गया. ऐसे में संबंधित परिवारों के सदस्यों की जिंदगी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इन कोविड मृतकोें में से 28 लोग ऐसे भी रहे, जिन्होंने अपने वक्त-जरुरत के हिसाब से कुछ कर्ज निकाल रखा था और इसके लिए अपने घर, प्लॉट व खेत जैसी संपत्तियों गिरवी रखा था. परंतु अब चुकी उनकी मौत हो गई है, ऐसे में संबंधित परिवारों के सामने यह समस्या आन पडी है कि, आखिर वे अपना उदरनिर्वाह कैसे करे और कर्ज की अदायगी कहां से करें. इन्हीं तमाम बातों के मद्देनजर सरकार ने इससे संबंधित जानकारी निर्धारित प्रारुप में मंगाई थी. जिसके तहत गिरवी रखी गई संपत्ति व बकाया कर्ज की मौजूदा स्थिति से संबंधित जानकारी को संकलित करते हुए राज्य के सहकार आयुक्त को रिपोर्ट भेजी गई है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि, सहकारी बैंकों व पतसंस्थाओं के करीब 119 सदस्यों की कोविड संक्रमण के चलते मौत हुई है. जिसमें से 28 मृत किसान कर्जधारकों की ओर कर्ज का बकाया ब्याज की बजह से बढ रहा है. जिसके लिए सरकारी स्तर पर निर्णय होने की संभावना है.
पाई-पाई को मोहताज हो गए कई परिवार
कोविड संक्रमण की वजह से घर के एकमात्र कमाऊ सदस्य की मौत हो जाने के चलते कई परिवार आर्थिक दिक्कतों में फंस गए है. जिनमें से कुछ परिवारों को पाई-पाई के लिए मोहताज हो गए है. इसमें से जिन परिवारों की संपत्ति कर्ज के चलते बैंक में गिरवी पडी है, वे अपनी संपत्ति का व्यवहार भी नहीं कर सकते. वहीं दूसरी ओर कर्ज की अदायगी रुक जाने के चलते लगातार चढते ब्याज की वजह से बकाया कर्ज की राशि का आंकडा भी बढ रहा है, ऐसे परिवारों को सरकार व्दारा आधार दिये जाने की जरुरत देखी जा रही है.
सहकारी बैंकों के 15 तथा सोसायटी व पतसंस्था के 13 कर्जधारक कोविड से मृत
जिले की सहकारी बैंकों के 15 कर्ज खाताधारक विगत दो वर्ष के दौरान कोविड संक्रमण की भेंट चढ गए. जिसमें से 13 खाताधारकों की ओर अच्छे-खासे कर्ज का भुगतान बकाया है. वहीं जिले की विविध सोसायटियों व पतसंस्थाओं के कुल 104 खाताधारकों की कोविड संक्रमण के चलते मौत हुई. जिसमें से 13 खाताधारकों की ओर कर्ज की राशि बकाया है और इस कर्ज के लिए उनकी खेती, प्लॉट व घर सहित अन्य संपत्तियां बैंक के पास गिरवी पडी है. जिसकी वजह से संबंधित परिवारों को कई तरह की आर्थिक परेशानियों व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. ऐसे में इन परिवारों को सरकार की ओर से आर्थिक राहत प्रदान किये जाने की मांग की जा रही है.
कोविड की वजह से मृत हुए कर्जधारकों के बकाया कर्ज एवं उनके व्दारा गिरवी रखी गई संपत्ति की जानकारी सहकार आयुक्त व्दारा मांगी गई थी. जिसे संकलित करते हुए हमने अपनी रिपोर्ट आगे प्रेषित कर दी है. वहीं अब सरकार की ओर से किस तरह मदद प्रदान की जाती है, यह देखना होगा.
– महेंद्र चव्हाण, जिला उपनिबंधक