अमरावतीमहाराष्ट्र

पशुओं से क्रूरता, जिले में 286 हुए गिरफ्तार

अब तक 192 केसेस दर्ज

* दोषी को 3 वर्ष जेल का है कानून में प्रावधान
अमरावती/दि.20– मूक पशुओं पर सदैव दया करनी चाहिए, इस प्रकार की शिक्षा हमारे बडे और हमारे ग्रंथ देते हैं. किंतु विकृत मानसिकता के लोग ऐसे निरीह पशुओं पर अत्याचार करते हैं. उनसे क्रूरतापूर्ण बर्ताव करते हैं. उन्हें बुरी तरह जख्मी कई बार मरणासन्न कर देते हैं. ऐसे मामलों में जिले में अब तक 192 केसेस दर्ज होने की जानकारी अधिकारियों ने दी. साथ ही बताया गया कि, अधिकांश मामले गौवंश से की गई क्रूरता संबंधी है. जबकि अन्य पशुओं कुत्तें, बिल्ली, वानर, घोडे के साथ भी इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि, मूक पशुओं के साथ क्रूरता के मामले में 286 लोगों को पिछले वर्ष गिरफ्तार किया गया. उससे पिछले वर्ष 2023 मेें भी इस प्रकार के 214 प्रकरण दर्ज किये गये थे.
* क्या कहते हैं पशु शल्य चिकित्सक?
मनपा के पशु शल्य चिकित्सक डॉ. सचिन बोंद्रे ने कहा कि, कुछ लोग कुत्ते और बिल्ली को बडे चाव और स्नेह से पालते हैं. वहीं कुछ लोग मूक जानवरों के साथ बुरा सलूक करते हैं. इसके लिए कानून में तीन वर्ष तक जेल और 2 हजार रुपए तक जुर्माना की सजा का प्रावधान है.
* आवारा कुत्ते सर्वाधिक शिकार
लोग गली मोहल्लों में भटकते कुत्तों से खौफ खाते हैं. वहीं इन्हीं पर अपना सर्वाधिक रोष भी उतारते हैं. वसा के पशु प्रेमी प्यारावेट शुभम सायंके ने बताया कि, आये दिन किसी न किसी क्षेत्र से कुत्तों को बेरहमी से जख्मी करना, उन पर वाहन चढा देना, गर्म पानी फेंकना, डंडे से मारना आदि के कारण घायल श्वान की सूचना मिलती हैं. हमारी भी साधन सीमित है. कई बार चाहकर भी मदद नहीं कर पाते. सायंके ने लोगों से आवारा श्वान, बिल्लियों के साथ मानवता से पेश आने की अपील की है. सायंके का संगठन वसा दर्जनों घायल पशुओं की चिकित्सा कर चुका है. अभी भी कर रहा है. जबकि उनके पास अनुदान व संसाधनों की बडी कमी है.

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