प्रतिनिधि/ दि.२९
अमरावती– पिछले कई माह से रतन पॉवर इंडिया कंपनी में कार्यरत पॉवर मेक कंपनी व कर्मचारियों के बीच विवाद शुरु था. इस बीच कंपनी ने ६२ कर्मचारियों को १ अगस्त से काम से हटाने का नोटीस दिया. उसके कारण सभी कर्मचारी पर मुशिबत का पहाड टूट गया था. कोरोना संक्रमण के कारण बेरोजगारी की समस्या निर्माण हुई. इस दौरान कई राजनीतिक व्यक्तियों के माध्यम से न्याय पाने का प्रयास किया फिर भी किसी तरह का हल नहीं निकला. आखिर २९६ कर्मचारियों का विभाजन कर पॉवर मेक कंपनी काम देने को राजी हो गई. इससे शिव कामगार सेना महासंघ का रतन पॉवर इंडिया के साथ हुआ करार सफल हो गया. यहां की सभी गतिविधियों पर कंपनी स्थित शिव कामगार सेना के पदाधिकारी बारिकी से नजर रखे हुए थे. सभी राजनीतिक पार्टियों को उल्लू बनाने वाले पॉवर मेक कंपनी को कामगार सेना के पदाधिकारियों ने अपनी ताकद दिखाते हुए २३ जुलाई को महासंघ के अध्यक्ष आनंदराव अडसूड के निवास स्थान पर व २४ जुलाई को कंपनी के प्रांगण में ही बैठक लेने के लिए विशष किया. रतन इंडिया व पॉवर मेक कंपनी पर दबाव बढ गया. इसी बीच कामगार उपायुक्त कार्यालय में याचिका दायर की गई. उसके अनुसार२८ जुलाई को उपायुक्त पानबुडे ने बैठक बुलाकर तीनों पार्टियों की समस्या सुनकर शिवकामगार महासंघ ने सभी को काम चाहिए यह मांग रखी. इसी तरह पॉवर मेक कंपनी में स्थित संघर्ष आने वाले तीन माह के लिए स्थगित कर दिया है. संक्रमण काल में कामगारों पर आने वाले संकट शिवकामगार संघ के माध्यम से फिलहाल के लिए टल गया है. कामगार उपायुक्त पानबुडे ने आयोजित बैठक में महासंघ के कार्याध्यक्ष विष्णुपंत तांडेल, सरचिटणीस नितीन तारेकर, उपाध्यक्ष गोपाल मंजलवार, कोषाध्यक्ष प्रकाश मंजलवार, रतन इंडिया की ओर से कर्नल लोकेशqसग, आनंद कुदरे, सपकाल, पॉवर मेक की ओर से नागराज शिव कामगार सेना की ओर से रतन इंडिया युनीट अध्यक्ष पीयुष सातोकर, सचिव मंगेश वानखडे, उपाध्यक्ष नितीन देशमुख, कोषाध्यक्ष प्रफुल बागडे, ज्ञानेश्वर गायकवाड, प्रदीप भुजाडे, प्रशांत ढूमने, कानून विषयक सलाहकार एड. निलीजा राऊत समेत अन्य कर्मचारी उपस्थित थे.