अमरावती विभाग में आपदा के 29 शिकार, 19 हजार हेक्टेअर बाधित
170 मवेशियों की मौत, पश्चिम विदर्भ में 2570 मकानों को क्षति
* संभाग के 14 बांधो से छोडा जा रहा नदियों में पानी
अमरावती/दि. 8 – इस वर्ष मानसून की कालावधि 50 फीसद पूर्ण हो गई है. बारिश देरी से होने के बावजूद पश्चिम विदर्भ में औसतन 124.3 प्रतिशत बारिश रिकॉर्ड हुई है. दो माह की कालावधि में नदी-नालों को आई बाढ में बहने से 19 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है. जबकि गाज गिरने से 7 लोगों की मृत्यु हुई है. मूसलाधार बारिश के कारण 19 हजार हेक्टेअर क्षेत्र की फसले बाधित हुई है. अमरावती विभाग के अप्पर वर्धा, बेंबला और पुस इन बडे बांधो सहित कुल 14 बांधो से पानी नदियों में छोडा जा रहा है. बारिश से 170 मवेशियों की मृत्यु और पश्चिम विदर्भ में 2570 मकानों को नुकसान पहुंचा है.
इस वर्ष के मानसून में मूसलाधार बारिश के चलते दीवार गिरने से मलबे के नीचे दबकर एक की मृत्यु हुई है और आपदा के अन्य कारणों से 2 ऐसे कुल 29 लोगों की मृत्यु जून व जुलाई माह में हुई है. इसमें सर्वाधिक 8 मृत्यु अमरावती जिले में हुई है. जबकि अकोला व यवतमाल जिले में प्रत्येकी 7 लोगों की इस आपदा में मृत्यु हुई है. साथ ही 170 मवेशी भी काल के ग्रास हुए है. इसमें बडे दुधारु 62 और छोटे 69 व अन्य 39 मवेशियों का समावेश है. गरज के साथ मूसलाधार बारिश से 2570 मकानों को नुकसान पहुंचा है. इसमें अमरावती जिले में 529, यवतमाल 636, अकोला 243, वाशिम 256 और बुलढाणा जिले में 468 मकान व तबेलो को नुकसान पहुंचा है. पश्चिम विदर्भ में आपदा के कारण 31 तहसील के 453 गांव बाधित हुए है. 3706 व्यक्तियों को इस आपदा से क्षति पहुंची है. इसमें अमरावती तहसील के 1374, बुलढाणा 1520, वाशिम 800 और अकोला जिले के 12 व्यक्तियों का समावेश है.
* 20 हजार हेक्टेअर क्षेत्र की खेति को नुकसान
– जून व जुलाई माह में 17044 हेक्टेअर क्षेत्र की फसलों का 33 प्रतिशत नुकसान हुआ. तथा नदी-नालों में आई बाढ के कारण नदी के तट पर स्थित 2247 हेक्टेअर क्षेत्र के खेत की जमीन बह जाने से किसानों का भारी नुकसान हुआ है.
– इसमें अमरावती जिले में 667 हेक्टेअर, यवतमाल जिले में 4297 हेक्टेअर, अकोला जिले में 3176 हेक्टेअर, वाशिम जिले में 598 हेक्टेअर तथा बुलढाणा जिले में 10533 हेक्टेअर क्षेत्र की खेति को नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा बाढ के कारण 163 हेक्टेअर क्षेत्र में गाद जमा हो गया है.
* 14 बांधो से पानी छोडा जा रहा
पश्चिम विदर्भ में हुई बारिश के कारण सभी छोटे-बडे बांधो का जलस्तर तेजी से बढता जा रहा है. इस कारण अमरावती जिले के सबसे बडे अप्पर वर्धा बांध के अलावा बेंबला और पुस प्रकल्प सहित कुल 14 बांधो से पानी नदी में छोडा जा रहा है. वर्तमान में बारिश जारी रहने से जिले के अप्पर वर्धा बांध का जलस्तर तेजी से बढ रहा है. इस कारण इस बांध के 3 दरवाजे 20 सेंटीमीटर तक खोलकर वर्धा नदी में पानी छोडा जा रहा है. साथ ही अमरावती जिले के सपन के 2 गेट और चंद्रभागा के 3 गेट व पूर्णा प्रकल्प के भी 2 गेट खुले रख नदियों में पानी छोडा जा रहा है. यवतमाल जिले के बेंबला बांध के 4 गेट 50 सेंटीमीटर तक खोले गए है. अकोला जिले के काटेपूर्णा बांध के 2 गेट 30 सेंटीमीटर तक खोले गए है. अंजनगांव और दर्यापुर परिसर को जलापूर्ति करनेवाले शहानूर बांध में 60 प्रतिशत जलसंग्रहित हो गया है. इस कारण परिसर के सैकडों गांव की पेयजल की समस्या हल हो गई है.