अमरावतीमहाराष्ट्र

जिले के 3.60 लाख निराधारों का अनुदान डीबीटी प्रणाली के चलते अधर में

20 मई थी अंतिम तारीख, केवल 5 फीसद लाभार्थियों के दस्तावेज पेश

* 95 फीसद काम अब भी बाकी, कैसे मिलेगा अनुदान?
अमरावती/दि.25– संजय गांधी निराधार, श्रावणबाल एवं राज्य निवृत्ति वेतन योजना का अनुदान डीबीटी प्रणाली के जरिए सीधे लाभार्थी के खाते में डालने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है, लेकिन सरकारी उदासिनता एवं निर्वाचन संबंधित कामों की आड लेते हुए अलग-अलग तहसीलों के तहसीलदारों व पटवारियों ने 95 फीसद निराधारों के दस्तावेजों को डीबीटी पोर्टल पर अपलोड ही नहीं किया. इस काम के लिए 20 मई की अंतिम तिथि थी और इस समय तक केवल 5 फीसद निराधारों के दस्तावेज भी पटवारियों व तहसीलदारों द्वारा डीबीटी पोर्टल पर अपलोड किये गये थे. जिसकी वजह से निराधारों का अनुदान अधर में लटक गया है और जब तक यह काम पूरा नहीं होता, तब तक उन्हें अनुदान से वंचित रहना पडेगा.

इस संदर्भ में की गई पडताल के दौरान संजय गांधी निराधार योजना विभाग द्वारा बताया गया कि, लाभार्थियों की जानकारी नहीं मिलने के चलते खुद विभाग के कर्मचारी घूम-घूमकर लाभार्थियों के जानकारी को संकलित कर रहे है. वहीं दूसरी ओर पैसों की जरुरत रहने वाले निराधार बुजुर्ग 44 डिग्री सेल्सियस के भीषण तापमान में भी पटवारी कार्यालय के चक्कर काट रहे है. बता दें कि, जिले में कुल 3 लाख 62 हजार 791 निराधार नागरिक है. जिसमें से कई बुजुर्ग नागरिक समय पर अपने दस्तोवज पेश नहीं कर सके. जिसके चलते वे लाभ से वंचित रह सकते है, ऐसी संभावना है. ऐसे में लाभार्थियों की जानकारी अपलोड या संकलित करना जरुरी है. जिसके लिए 20 मई की अंतिम तारीख दी गई थी. परंतु अब भी कई लाभार्थियों की जानकारी विभाग को मिलना बाकी है. यदि दस्तावेज जमा नहीं हुए, तो लाभार्थियों को अप्रैल 2024 से अनुदान नहीं मिलेगा, ऐसी जानकारी राजस्व विभाग ने पत्रक जारी करते हुए दी है. इन लाभार्थियों को अपने आधार कार्ड की झेरॉक्स, मोबाइल क्रमांक, जाति प्रमाणपत्र, बैंक खाते के पासबुक की झेरॉक्स तथा दिव्यांग लाभार्थियों को दिव्यांग प्रमाणपत्र की झेरॉक्स तहसील कार्यालय के संबंधित विभाग में प्रस्तुत करनी है.

ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थियों की सूची संबंधित गांवों के पटवारियों व कोतवालों को भेजी गई है. जिन्हें निराधारों से तमाम जरुरी दस्तावेज संकलित करते हुए नगर परिषद व ग्राप के हयात प्रमाणपत्र सहित तहसील कार्यालय के संबंधित विभाग अथवा संबंधित गांव के सरकारी राशन दुकान, सेतू केंद्र व ई-सेवा केंद्र मेें निर्धारित अवधि के भीतर प्रस्तुत करना था. लेकिन इस समय तक केवल 5 फीसद लाभार्थियों के दस्तावेज ही जमा हुए है. वहीं शेष लाभार्थियों की जानकारी अपलोड व संकलित करने की प्रक्रिया फिलहाल जारी है, ऐसा संबंधित विभाग द्वारा बताया गया है. लेकिन इसके बावजूद इस डीबीटी प्रणाली का फटका निराधारों को लगना तय है.

* विविध योजनानिहाय जिले में लाभार्थी संख्या
योजना                                         लाभार्थी संख्या
संजय गांधी निराधार                  (सर्व साधारण) 70,211
संजय गांधी निराधार                    (अनु. जाति) 14,658
संजय गांधी निराधार                  (अनु. जनजाति) 5,859
श्रावणबाल राज्य निवृत्ति वेतन       (सर्व साधारण) 1,64,917
श्रावणबाल राज्य निवृत्ति वेतन          (अनु. जाति) 28,901
श्रावणबाल राज्य निवृत्ति वेतन      ( अनु. जनजाति) 14,383
इंदिरा गांधी वृद्धांवस्था पेंशन                    60,009
इंदिरा गांधी विधवा पेंशन                         3,381
इंदिरा गांधी दिव्यांग पेंशन                         472
कुल                                                 3,62,791

* जानकारी अपलोड करने में तकनीकी दिक्कतें
डीबीटी प्रणाली हेतु लाभार्थियों की जानकारी संकलित करने के बाद संबंधित कर्मचारी जब उसे ऑनलाइन अपलोड करते है, तो वेबसाइट हैंग होती है. जिसके चलते कई लोगों की जानकारी अपडेट करने में दिक्कत आती है. अचलपुर व चांदूर बाजार तहसीलों में कई स्थानों पर ऐसी दक्कतें होने की शिकायतें सामने आयी है.

* लाभार्थियों की जानकारी अपलोड करना शुरु
निराधार योजना के लाभार्थियों को अब से डीबीटी प्रणाली के जरिए मानधन दिया जाएगा और उनके खाते में सीधे पैसे जमा होंगे. इसके लिए संबंधित तहसील महकमा काम पर लगा हुआ है और लाभार्थियों के दस्तावेज जमा करने का काम शुरु है.
– मंगला उडे,
नायब तहसीलदार,
संजय गांधी निराधार योजना.

* कोई लाभार्थी वंचित न रहे
निराधार को जीवन ज्ञापन करने प्रतिमाह मानधन दिया जाता है. परंतु सरकार की ओर से अनुदान आने में हर बार विलंब होता है. जिसके चलते लाभार्थियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पडता है. वहीं अब निराधारों के खाते में पैसे सीधे जमा कराने हेतु सरकार द्वारा डीबीटी प्रणाली को अमल में लाया जा रहा है. ऐसे में दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु सरकार द्वारा समयावृद्धि दी जाये. साथ ही अगले महिने का अनुदान भी दिया जाये, ऐसी प्रतिक्रिया सामाजिक संगठनों द्वारा व्यक्त की जा रही है.

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