अमरावती

अनुदान दिये बिना 3 करोड की निधी गई वापिस

जिप के समग्र शिक्षा अभियान की तिजोरी रिक्त

* शालाओं के कामकाज पर असर पडना तय
अमरावती/दि.22– राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं को मिलनेवाले अनुदान को पीएफएमएस प्रणाली के जरिये खर्च करना होता है. जिसका प्रशिक्षण सभी शिक्षकों व मुख्याध्यापकों को दिया गया था. किंतु बैंक ऑफ महाराष्ट्र के नियोजन शून्य कामकाज की वजह से जिले की सभी शालाएं इस अनुदान से वंचित रह गई है और सरकार ने अखर्चित दिखाई देनेवाले 3 करोड 34 लाख 1 हजार 285 रूपये का अनुदान वापिस ले लिया है. जिसके चलते इस समय शिक्षा विभाग में हडकंप मचा हुआ है.
बता दें कि, समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत शालाओं को मिलनेवाला अनुदान समय पर प्राप्त हो, इस हेतु सार्वजनिक वित्तीय व्यवस्थापन सेवा यानी पीएफएमएस नामक स्वयंचलित प्रणाली को इस वर्ष से क्रियान्वित किया गया है. इसके तहत जिले में कक्षा 1 ली से 8 वीं तथा कक्षा 9 वीं से 12 वीं की 1 हजार 583 जिप शालाओं के लिए 8 करोड 90 लाख 7 हजार 725 रूपये का अनुदान मंजूर किया गया था. जिसमें से 4 करोड 75 लाख 6 हजार 440 रूपये खर्च हो चुके है. वहीं 3 करोड 34 लाख 1 हजार 285 रूपये की निधी पीएफएमएस प्रणाली की दिक्कतों के चलते सरकारी तिजोरी में वापिस चली गई है. ऐसे में इस गलती के लिए कौन जिम्मेदार है, यह सवाल संबंधितों द्वारा पूछा जा रहा है.

निधी से वंचित शालाओं की तहसीलनिहाय संख्या
तहसील               शाला
अचलपुर             129
अमरावती           112
अंजनगांव           87
भातकुली            110
चांदूर बाजार       122
चांदूर रेल्वे          69
चिखलदरा          165
दर्यापुर               129
धामणगांव         83
धारणी               170
मोर्शी                 102
नांदगांव            124
तिवसा              76
वरूड                 106

* ऐसे हुई गडबडी
शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 से इस नई प्रणाली पर अमल करना शुरू किया गया है. जिसके लिए स्टेट नोडल एजेंसी के रूप में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की नियुक्ति की गई है. साथ ही स्थानीय स्तर पर अलग-अलग बैंकों में रहनेवाले खातों को बंद करते हुए सभी शाला व्यवस्थापन समितियों के बचत खाते जीरो बैलन्स तत्व पर महाराष्ट्र बैंक में खोले गये. किंतु महाराष्ट्र बैंक द्वारा इसे लेकर आवश्यक नियोजन ही नहीं किया गया. जिसके चलते पूरा मामला गडबडा गया और 3 करोड 34 लाख 1 हजार 285 रूपये का अनुदान अखर्चित दिखाई देने के चलते सरकारी तिजोरी में वापिस चला गया.

* अनुदान उपलब्ध कराये जाने की मांग
आर्थिक वर्ष खत्म होने के बावजूद समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत मिलनेवाला अनुदान शालाओं को प्राप्त नहीं हुआ. वहीं पीएफएमएस प्रणाली अंतर्गत कई शाला व्यवस्थापन समितियों के प्रिंट पेमेंट एडवाईस यानी पीपीए जारी हो चुके है. परंतू शाला व्यवस्थापन समिती के खातों में या नियुक्त किये गये वेंडर यानी लाभार्थी के खाते में अनुदान की रकम जमा नहीं हुई है. ऐसे में सभी शिक्षक संगठनों द्वारा शालाओं को जल्द से जल्द निधी उपलब्ध कराने की मांग की जा रही है.

इस संदर्भ में जानकारी देते हुए जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षाधिकारी एजाज खान ने बताया कि, बैंक की गडबडी के चलते एक भी शाला को अनुदान की रकम नहीं मिली है. जिसकी वजह से सरकार द्वारा इस अखर्चित निधी को वापिस ले लिया गया है. ऐसे में अनुदान की रकम दुबारा प्राप्त हो, इस हेतु वरिष्ठ स्तर पर संपर्क करते हुए आवश्यक प्रयास किये जा रहे है.

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