वरुड/दि.16 – वरुड तहसील के पोरगव्हाण में कछूए बेटे जा रहे है, ऐसी गुप्त जानकारी के आधार पर एक आरोपी को गिरफ्तार करते हुए वनविभाग के दल ने 8 कछूए बरामद किए थे. अदालत ने आरोपी को 3 दिन वन कस्टडी में रखने के आदेश दिए है. तहकीकात के दौरान कछूए तस्करी रकने वाले रैकेट के पर्दाफाश होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
रंगराव बारकाजी ढोमणे (40, पोरगव्हाण) यह गिरफ्तार किए गए कछूआ तस्कर का नाम है. आरोपी ने शनिवार की सुबह 8 कछूए घर लाकर बेचने वाला था, ऐसी जानकारी वन विभाग को मिली थी. इस पर वन विभाग के दल ने जाल बिछाकर नकली ग्राहक बनाकर लिंगा परिसर के पोरगव्हाण गांव भिजवाकर रंगराव को 8 कछूए के साथ गिरफ्तार किया था. उसे अदालत में पेश करने के बाद और तहकीकात के लिए 14 से 16 जनवरी तक वन कस्टडी मेें देने के आदेश अदालत ने दिए है. आगे की तहकीकात सहायक वन संरक्षक मीना आदे के मार्गदर्शन में वन परिक्षेत्र अधिकारी पुष्पलता बोंडे, वनपाल अजय खेडकर, मंगेश जंगले, वनरक्षक विनोद विरुलकर, नावेद काजी, केजी रेखे, आरती पारझडे, शंकर थोटे का दल कर रहा है.
* अत्याधुनिक युग में गुप्त धन का भूत
गावरानी 20 और 21 नाखून रहने वाले कछूए की अधिक मांग होने की बात बताई जा रही है. इन कछूए की सहायता से गुप्त धन खोजने और नोटों की बारिश कराने का प्रयास कथित मांत्रिक करते है. उसके कारण इस अत्याधुनिक युग में गुप्त धन की लालच में कुछ लोग हजारों रुपए में ऐसे कछूए खरीदते है, ऐसा बताया जा रहा है.