अमरावती

सरकारी शालाओं में 3 लाख विद्यार्थी घटे

मुंबई व पुणे में 9 हजार से बढी संख्या

अमरावती/दि.25 – कोविड काल के बाद कई विद्यार्थियों ने अपनी शालाएं बदली. जिसका सीधा परिणाम जिला परिषद व नगर परिषद की शालाओं पर पडा. विगत 1 वर्ष के दौरान इन दोनों स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं की शालाओं में करीब 3 लाख 768 विद्यार्थी घट जाने की जानकारी यू-डायस की ताजा रिपोर्ट से सामने आयी है.
केंद्र सरकार ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी महाराष्ट्र की सभी शालाओं के विद्यार्थियों का पंजीयन यू-डायस प्लस प्रणाली पर किया है. जिसके अनुसार वर्ष 2022-23 के शैक्षणिक सत्र में महाराष्ट्र की स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं की शालाओं में 51 लाख 23 हजार 955 विद्यार्थी दाखिल थे. लेकिन जब राज्य सरकार ने इस आकडेवारी की तुलना वर्ष 2021-22 के सत्र से की. तो एक साल के दौरान 3 लाख से अधिक विद्यार्थियों की घट दिखाई दी. यद्यपि विद्यार्थी संख्या में हर साल ही थोडी बहुत घट बढ होती रहती है. परंतु एक ही साल के दौरान 3 लाख विद्यार्थी घट जाने के चलते शिक्षा विभाग की नींद उड गई है. महाराष्ट्र की शालाओं में इन 3 लाख विद्यार्थियों की जानकारी यू-डायस प्रणाली पर दर्ज की है, या नहीं ऐसा सवाल भी पूछा जा रहा है. साथ ही यह प्रश्न भी निर्माण हुआ है कि, इन विद्यार्थियों के पास आधार कार्ड नहीं रहने के चलते तो उनका नाम यू-डायस प्रणाली में दर्ज नहीं हुआ है. इसके अलावा कुछ जानकारों के मुताबिक कोविड काल के दौरान शालाएं बंद रहते समय कई शालाओं ने यू-डायस प्रणाली पर बोगस विद्यार्थियों की जानकारी भरी. साथ ही कई स्थानों पर एक ही विद्यार्थी का नाम 2-2 शालाओं में दिखाने का काम भी हुआ. जिसके चलते यू-डायस की ताजा आकडेवारी में ऐसे विद्यार्थियों के नाम कट गए. वहीं दूसरी ओर मुंबई उपनगर में 14 हजार 871 तथा पुणे जिले में 9 हजार 329 विद्यार्थी सरकारी शालाओं में बढे है. इसके अलावा नागपुर, चंद्रपुर, नांदेड, नाशिक, मुंबई, रायगढ, पुणे, सोलापुर व सांगली इन महानगरपालिकाओं की शालाओं में 21 हजार 738 विद्यार्थी बढे है.

* किस जिले में कितने विद्यार्थी घटे?
जिला 2022 2023
अमरावती 1,44,282 1,37,525
यवतमाल 1,94,663 1,77,835
बुलढाणा 1,85,653 1,73,772
अकोला 86,129 78,281
वाशिम 79,292 71,857
नागपुर 1,05,234 1,01,951
वर्धा 54,691 52,536
भंडारा 77,070 75,393
गोंदिया 89,441 86,513
गडचिरोली 72,997 71,385
चंद्रपुर 1,09,325 1,03,941
नांदेड 2,23,635 1,98,445
हिंगोली 1,02,921 92,577
परभणी 1,32,786 1,18,880
जालना 1,63,625 1,46,061
नंदुरबार 1,03,263 98,188
धुलिया 1,00,064 90,931
जलगांव 2,02,222 1,89,853
संभाजी नगर 2,42,684 2,17,398
नाशिक 3,27,510 3,14,506
ठाणे 2,02,488 1,95,533
मुंबई उपनगर 2,92,825 3,07,696
रायगड 1,04,037 1,00,418
पुणे 3,84,220 3,93,549
अ. नगर 2,34,233 2,23,740
बीड 1,81,252, 1,60,205
लातूर 1,25,045 1,07,414
धाराशिव 1,16,213 1,06,825
सोलापुर 2,25,953, 2,10,709
सातारा 1,40,182 1,31,132
रत्नागिरी 75,169 70,539
सिंधुदुर्ग 36,757 34,997
कोल्हापुर 1,97,538 1,85,443
सांगली 1,32,227 1,26,049
पालघर 1,79,007 1,71,866

* निधी खर्च करने विद्यार्थियों को खोजना जरुरी
यू-डायस में करीब 3 लाख विद्यार्थी कम दिखाई देने के चलते जारी वर्ष में समग्र शिक्षा अभियान की निधी कैसे खर्च की जाए. यह पेंच प्राथमिक शिक्षा परिषद के सामने उपस्थित होने वाला है. गणवेश, पुस्तकें व अन्य विद्यार्थी लाभ की निधी पर विद्यार्थी संख्या घटने का निश्चित तौर पर परिणाम होगा. जिसके चलते परिषद ने सभी शिक्षाधिकारियों को इस संदर्भ में अलर्ट करने वाला पत्र तुरंत रवाना किया है. साथ ही सभी शालाओं को सूचना देकर शालानिहाय विद्यार्थी संख्या की पुष्टि करने और पटसंख्या से कम हुए विद्यार्थियों को खोजने के साथ ही जिन विद्यार्थियों की जानकारी यू-डायस प्रणाली में भरना रह गया है. उन विद्यार्थियों की जानकारी को जल्द से जल्द यू-डायस प्रणाली पर अपडेट करने का निर्देश शिक्षाधिकारियों को भेजे गए पत्र में दिया गया है.

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