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नाबालिग लडकी से छेडखानी करने वाले को 3 वर्ष सश्रम कारावास

जिला न्यायालय का फैसला

* वरुड तहसील के वाडेगांव की घटना
* पीडित बालिका के पिता को भी लातघुसों से मारा था
अमरावती/ दि.19 – वरुड पुलिस थाना क्षेत्र के वाडेगांव में नाबालिग लडकी को छेडने वाले आरोपी को अदालत ने तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई. वरुड पुलिस थाना क्षेत्र के वाडेगांव में रहने वाली नाबालिग लडकी के घर के दरवाजे को आरोपी ने लात मारकर तोड डाला. इसके बाद बालिका के पिता के साथ विवाद कर लातघुसों और लाठी से पिटा. जब पीडित बालिका मां और पिता को बचाने के लिए बिचबचाव करने गई तो, लडकी के कपडे फाडकर उसके साथ अश्लिल छेडखानी की. इस मामले में आरोपी जितेंद्र कडू को जिला न्यायालय क्रमांक 1 के न्यायमूर्ति ए. एस. काजी की अदालत ने तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई.
जितेंद्र विलास कडू (फिलहाल 32, वाडेगांव, तहसील वरुड) यह दफा 354, 452 के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास व 2 हजार रुपए जुर्माना तथा दफा 8 पोक्सो एक्ट के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा पाने वाले आरोपी का नाम है. तीनों धाराओं के तहत सुनाई गई सजा आरोपी को एक साथ भुगतना है और अदालत ने जिला विधि सेवा प्राधिकरण को पीडित को उचित मुआवजा नुकसान भरपाई के रुप में देने के आदेश दिये है. पीडित बच्ची नाबालिग होने के कारण वरुड पुलिस थाने में पीडित लडकी की मां ने दी शिकायत के अनुसार पीडित लडकी और उसकी मां घर में काम कर रही थी.
इस बीच आरोपी जितेंद्र कडू अश्लिल गालियां देते हुए घर का दरवाजा तोडकर घर में घुसा और महिला के पति से विवाद करने लगा. पति को लातघुसे व लाठी से मारने लगा. यह देखकर महिला उसे बचाने गई. तब आरोपी जितेंद्र ने महिला के दाये पैर पर भी लाठी मारकर घायल कर दिया. यह देखकर पीडित बच्ची माता-पिता को बचाने के लिए बिच बचाव करने गई. तब आरोपी जितेंद्र ने लडकी को खिचते हुए उसके कपडे फाड दिये. अश्लिल गालियां देकर छेडखानी की. इस मामले में वरुड पुलिस ने छेडखोनी और पोक्सो के तहत अपराध दर्ज कर मामले की तहकीकात के बाद दोषारोप पत्र अदालत में दायर किया. इस मुकदमे में अतिरिक्त सरकारी वकील मंगेश भागवत ने चार गवाहों के बयान लिये. पीडित बालिका और अन्य गवाहों के बयानों को मानते हुए आरोपी जितेंद्र कडू को दोषी करार देकर न्यायमूर्ति ए. एस. काजी की अदालत ने उपरोक्त सजा सुनाई. सरकारी पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील मंगेश भागवत ने दलीले पेश की. उपविभागीय अधिकारी डी. बी. तडवी ने तहकीकात पूरी की. पैरवी अधिकारी के रुप में एएसआई राजेंद्र बायस्कर व काँस्टेबल अरुण हटवार ने सहयोग किया.

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