शहर के 40 अस्पतालों सहित 30 बडे प्रतिष्ठान फायर सेफ्टी के बिना
3 माह पहले ही खत्म हो चुकी मुदत
* फायर सेफ्टी ऑडिट के लिए केवल 7 दिन का समय
अमरावती/दि.7– शहर के 40 अस्पतालों सहित 30 होटलों व बडी दुकानों व कार्यालयों सहित 70 प्रतिष्ठानों के फायर सेफ्टी ऑडिट की मुदत 3 माह पहले ही खत्म हो चुकी है. जिसके चलते यह सभी 70 प्रतिष्ठान इस समय फायर सेफ्टी के बिना ही चल रहे है और उन्हें आगामी 7 दिन के भीतर फायदा सेफ्टी ऑडिट करवाने का पत्र मनपा के अग्निशमन विभाग द्वारा दिया गया है. इस अवधि के भीतर जिन प्रतिष्ठानों द्वारा फायर सेफ्टी ऑडिट हेतु ऑनलाइन आवेदन नहीं किया जाएगा. उनके लाईसेंसों का नुतनीकरण भी नहीं किया जाएगा.
बता दें कि, अमरावती शहर में 218 छोटे बडे अस्पताल व नर्सिग होम है. जहां पर रोजाना ही सैकडों मरीज इलाज के लिए भर्ती होते है. इन मरीजों की सुरक्षा की दृष्टि से सभी अस्पतालों का फायर सेफ्टी ऑडिट करते हुए मनपा के अग्निश्मन विभाग के जरिए ना हरकत प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य है. साथ ही सभी छोटे व बडे आस्थापनाओं एवं कार्यालयों के लिए भी फायर सेफ्टी ऑडित करवाना अनिवार्य किया गया है, ऐसी जानकारी मनपा के अग्निश्मन विभाग द्वारा दी गई है. उल्लेखनीय है कि, अब तक मनपा के अग्निशमन विभाग का कामकाज काफी टालमटोल वाले तरीके से चला करता था. जिसके चलते कई लोग फायर सेफ्टी ऑडिट करवाते हुए एनओसी लिया करते थे और कई लोग ऐसा करने की अनदेखी किया करते थे. लेकिन अब सभी छोटे बडे प्रतिष्ठानों के लिए फायर सेफ्टी ऑडिट करवाते हुए मनपा से एनओसी लेना अनिवार्य किया गया है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने भी सभी अस्पतालों की फायर सेफ्टी एनओसी के बीना उनके लाईसेंस का नुतनीकरण नहीं करने का निर्देश संबंधित महकमों को दिया है. साथ ही मनपा के अग्निशमन विभाग ने भी जिला प्रशासन, पुलिस व महावितरण सहित मनपा के बाजार परवाना विभाग को पत्र जारी करते हुए निवेदन किया है कि, जब तक अस्पतालों एवं बडे प्रतिष्ठानों द्वारा फायद सेफ्टी ऑडिट होने से संबंधित प्रमाणपत्र नहीं दिखाया जाता, जब तक उनके लाईसेंसों का नुतनीकरण न किया जाये और उन्हें नई लाईसेंस भी जारी नहीं किये जाये. ऐसे में अब प्रत्येक आस्थापना, कार्यालय, होटल व हॉस्पिटल को सुरक्षा के लिहाज से अग्निशमन व्यवस्था को सुसज्जित व अपडेट रखना अनिवार्य हो गया है.
* ‘अ’ व ‘ब’ प्रकार के सेफ्टी आवेदन
नये नियमों के अनुसार प्रत्येक दो वर्ष में एक बार फायर सेफ्टी ऑडिट करना अनिवार्य कर लिया गया है. जिसके तहत रिहायशी इमारत व अपोर्टमेंट, हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, होटल, उपहार गृह एवं सरकारी कार्यालय सहित सभी तरह के छोटे-बडे आस्थापनाओं को ‘अ’ प्रकार का आवेदन पेश करना होता है. इसके साथ ही फायर सेफ्टी ेहेतु लगाये गये उपकरण अच्छी स्थिति में है अथवा नहीं. इसके लिए प्रतिवर्ष साल में 2 बार जनवरी व जुलाई माह में ‘ब’ प्रकार का आवेदन करते हुए अग्निशमन विभाग के पास नियुक्त एजेंसी के जरिए पेश करना होता है. क्योंकि मनपा द्वारा नियुक्त एजेंसी के जरिए फायर ऑडिट कराया जाता है.
* फायर एनओसी के बिना नुतनीकरण व लाईसेंस
इससे पहले मनपा द्वारा खुद ही फायर सेफ्टी ऑडिट किया जाता था. जिसका सभी आस्थापनाओं द्वारा पालन नहीं होता था. ऐसे में अब मनपा के अग्निशमन विभाग की ओर से जब तक फायर सेफ्टी ऑडिट व इससे संबंधित एनओसी जारी नहीं होती, तब तक स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों व नर्सिंग होम अन्न व औषध प्रशासन विभाग ने शहर के आस्थापनाओं तथा पीडब्ल्यूडी व पुलिस विभाग ने विभिन्न तरह के लाईसेंसों का नुतनीकरण नहीं करने और नये लाईसेंस जारी नहीं करने ेका निर्णय लिया है. ऐसी जानकारी मनपा के अग्निशमन विभाग द्वारा दी गई है.
* इमारत की उंचाई व प्रकार के अनुसार उपाय येाजना करना अनिवार्य
आग प्रतिबंधक व जीव संरक्षक उपाय योजना अधिनियम 2006 सुधारित 2023 के अनुसार प्रत्येक आस्थापना के पास अग्निशमन व्यवस्था का रहना आवश्यक होता है. इमारत की उंचाई का प्रकार के अनुसार उपाय योजना तय की जाती है. जिसके तहत शिर्डी एवं लिफ्ट के दरवाजे के पास फायर इस्टींम्युशर रखने के साथ ही छत पर अग्निशमन पंप और लिफ्ट के भीतर फायर इस्टींम्युशर की व्यवस्था रहना अत्यावश्यक किया गया है. इस सभी उपकरण व्यवस्थित स्थिति में रहने की एनओसी संबंधित एजेंसी से लेनी होती है. जिसके बाद ही संबंधित प्रतिष्ठानों के लिए नया लाईसेंस प्राप्त करना व पुराने लाईसेंस का नुतनीकरण करना संभव हो पाता है.