अमरावती/दि.16- ग्रीष्मकाल में फलों के राजा आम का स्वाद लेने की उत्सुकता सर्वसामान्यों को रहती है. लेकिन इस बार आम की कीमत अधिक होने से सभी प्रकार के आम खरीदना असंभव सा हो गया है. लहरी हवामान के फटके से एक महीना देरी से आम का मौसम शुरु हुआ. उस पर इस बार 30 प्रतिशत आय कम हुई. जिसके चलते थोक बाजार में बदाम, चर्कुलस, लालपट्टा, सुंदरी यह आम प्रति किलो 50 रुपए से महंगे हुए हैं वहीं चिल्लर बाजार में 100 रुपए दर वृद्धि हुई है. इसलिए इस बार आम की दरवृद्धि से सर्वसामान्यों के लिए आम का स्वाद लेना मुश्किल हो गया है.
रत्नागिरी से देवगड हापूस वहीं आंध्रप्रदेश, बेंगलुरु, केलर से बदाम व लालपट्टा यह आम आता है. फिलहाल हापूस की एक पेटी (6 दर्जन) 4 से 5 हजार रुपए दर से थोक बाजार में मिल रही है. जिसके चलते चिल्लर बाजार में हापूस मानो दिखाई ही नहीं दे रहा है. सिर्फ बदाम व लालपट्टा मिल रहा है. इसके बाद केसर के भी दाम काफी होने से एक पेटी 3500 से 4 हजार रुपए में मिल रही है.
* 25 अप्रैल के बाद बढ़ेगी आवक
फिलहाल आम मर्यादित पैमाने पर आ रहे हैं. इसलिए इस बार सिर्फ कुछ ही पेटियां दिखाई दे रही है. यह स्थिति 25 अप्रैल के बाद बदल सकती है. आम की आवक बढ़ेगी व दाम भी 100 से 150 रपए होंगे, ऐसा अंदाज थोक व्यापारियों द्वारा व्यक्त किया जा रहा है.
आम के किलो में थोक व चिल्लर दाम
प्रकार थोक दाम चिल्लर दाम
बदाम 100 से 140 200 से 220
लालपट्टा 100 से 140 200 से 220
सुंदरी 70 से 100 130 से 150
चर्कुलस 80 से 120 150 से 180
हापूस पेटी के दाम (एक पेटी में 6 दर्जन आम आते हैं)
हापूस 4 से 5 हजार 600 से 800 रु. किलो
पायरी 3 से 4 हजार 300 से 500 रु. किलो
केसर 3,500 से 4 हजार 300 से 500 रु. किलो