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31 किमी की सिमेंट पाईप लाईन जीर्णावस्था में

850 करोड की लागत से बिछाई जाएगी लोहे की नई पाईप लाइन

* आगामी सप्ताह मजीप्रा द्बारा मुंबई केंद्रीय कार्यालय भेजा जाएगा प्रस्ताव
* 1994 में बिछाई गई थी अप्परवर्धा बांध की पाईप लाईन
* वर्ष 2024 में समाप्त हो रही है 30 वर्ष की समयावधि
अमरावती/ दि. 5- मोर्शी के अप्परवर्धा बांध से अमरावती तक बिछाई गई पानी की पाईप लाइन की अवस्था काफी जीर्ण हो गई है. इसी कारण वह आए दिन लिकेज होती है और उसे दुरूस्त करने के लिए महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण को शहर में होनेवाली जलापूर्ति बंद करनी पडती है. 31 किमी की नेरपिंगलाई से अमरावती जलशुध्दिकरण तक लोहे की नई पाइपलाइन बिछाने का मजीप्रा द्बारा मुंबई के मुख्य कार्यालय और वहां से नगरविकास मंत्रालय प्रस्ताव भेजा जानेवाला है. 31 किमी लोहे की पाईप लाइन के लिए 850 करोड रूपए की लागत लगनेवाली है. वर्तमान की सीमेंट पाइपलाइन 1994 में बिछाई गई थी. जिसका कार्यकाल वर्ष 2024 में समाप्त हो रहा है.
मोर्शी के अप्परवर्धा बांध से नेरपिंगलाई तक लोहे की पाइपलाइन पहले से बिछाई गई है. लोहे की नेरपिंगलाई से मार्डी रोड स्थित जल शुध्दिकरण केन्द्र तक सीमेंट की पाईपलाइन है. यह पाईपलाइन वर्ष 1994 में बिछाई गई थी. इसका कार्यकाल 30 वर्ष का रहता है. जो वर्ष 2024 में समाप्त हो रहा है. लेकिन इसके पूर्व ही सिमेंट की यह पाइपलाइन आए दिन जगह-जगह से लिकेज होती है और उसे दुरूस्त करने के लिए मजीप्रा को मनपा क्षेत्र की जलापूर्ति बंद करनी पडती है.
रविवार को बोरगांव धांदे के पास नायरा पेट्रोल पंप के निकट फिर से यह पाईप लाईन लिकेज होने के कारण शहर की जलापूर्ति 4 दिन यानी 8 दिसंबर तक बंद रखी गई है और उसे दुरूस्त करने का युध्दस्तर पर काम जारी है. 31 किमी की सीमेंट की पाईप लाईन का कार्यकाल वर्ष 2024 में समाप्त होता रहने से अमरावती मजीप्रा द्बारा मुंबई के मुख्य कार्यालय में नेरपिंगलाई से अमरावती जल शुध्दिकरण केंद्र तक लोहे की पाईप लाइन बिछाने 995 करोड का प्रस्ताव भेजा गया था. यह प्रस्ताव पानी की पाइप लाईन से 20 घंटे जलापूर्ति होने के हिसाब से भेजा गया था. लेकिन वरिष्ठों द्बारा इसमें सुधार कर उसे राज्य शासन की अमृत-2 योजना में शामिल करने नया प्रस्ताव भेजने कहा गया और साथ ही पहले भेजे गये प्रस्ताव में पानी की पाइपलाईन का डायामीटर जो बडा था उसे थोडा कम कर 23 घंटे पंप शुरू रहे और जलापूर्ति 3 घंटे अधिक समय तक हो इस तरह भेजने सूचित किया गया है. इस कारण अब स्थानीय मजीप्रा द्बारा आगामी सप्ताह 800 से 850 करोड लागत खर्च का नया प्रस्ताव तैयार कर भेजा जानेवाला है, ऐसी जानकारी मजीप्रा के सहायक अभियंता गुरूदत्त अविनाशे ने अमरावती मंडल को दी.

वरना मजीप्रा को भी 30 प्रतिशत निधि देनी पडेगी
अमरावती मजीप्रा कार्यालय द्बारा नेरपिंगलाई से अमरावती जलशुध्दिकरण केन्द्र तक 31 किलोमीटर की लोहे की पाईपलाइन बिछाने 995 करोड का प्रस्ताव भेजा गया था. लेकिन जहां 10 लाख से कम आबादी वहां कुल योजना में से 30 प्रतिशत रकम मजीप्रा को अदा करनी पडता है. किंतु मजीप्रा के पास उतने आर्थिक स्त्रोत न रहने से अब नया प्रस्ताव राज्य शासन की अमृत-2 योजना के तहत नगर विकास मंत्रालय को भेजा जानेवाला है. ताकि स्थानीय मजीप्रा को निधि न देना पडे.

* वर्ष 2025 के पूर्व नई पाइपलाईन बिछाना जरूरी
नेर पिंगलाई से अमरावती तक 31 किलोमीटर की सिमेंट की पाईपलाइन का कार्यकाल वर्ष 2024 मेें समाप्त हो रहा है. इस कारण मजीप्रा को 31 किलोमीटर की लोहे की पाइप लाइन अब जल्द बिछाना आवश्यक है. क्योंकि इस नई पाईप लाइन को बिछाने में 2 वर्ष लग सकते है और उस नई पाईप लाइन से वर्ष 2025 में शहर को जलापूर्ति करना भी आवश्यक रहने से उसके पूर्व इसे पूरा करना आवश्यक है.

* समांतर रहेगी यह नई पाइपलाईन
मोर्शी से नेरपिंगलाई तक पहले से ही लोहे की समांतर लाईन है. लेकिन नेरपिंगलाई से अमरावती जल शुध्दिकरण तक सिमेंट की पाईपलाईन है.अब नये प्रस्ताव के तहत राज्य शासन की अमृत-2 योजना के तहत नई लोहे की पाईपलाईन बिछाई जायेगी. इस कारण उसमें लिकेज की समस्या निर्माण नहीं होगी और कभी कोई खराबी आने पर उसे एक दिन में ही दुरूस्त किया जा सकेगा. पुरानी पाईपलाईन वैसी ही रहेगी, ताकि कोई समस्या आने पर शहर में उस पुरानी पाइप लाइन से जलापूर्ति की जा सके.

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