अमरावतीमुख्य समाचार

अमरावती में कोरोना काल बाद 30 मेडिकल बंद

ऑनलाइन फार्मसी और बडी कंपनियों के आगे धंधा मुश्किल

* प्रदेश में यह आंकडा 35 फीसद से ज्यादा
अमरावती/दि.10 – मेडिकल अर्थात दवा दुकान का फुटकर बिजनेस खतरे में कहा जा सकता है. कोरोना काल के बाद राज्य में 35 प्रतिशत दवा दुकानें बंद हो गई है. अमरावती में भी तेजी से दवा दुकानों के बंद होने का प्रमाण बढ रहा है. पिछले 4-5 महीने में 30 से 35 दुकानों का धंधा ठीक नहीं होने से उनके संचालकों ने इस व्यवसाय से हाथ जोड लिये. इसके पीछे ऑनलाइन फॉर्मसी का बढता दायरा एवं स्थानीय स्तर पर बडे कंपनियों के धडाधड खुल रहे स्टोर बताया जा रहा है. जानकारों ने आज दोपहर अमरावती मंडल से बातचीत में कहा कि, बडी कंपनियां बाकायदा विज्ञापन कर डिस्काउंट पर औषधी बेच रही है. जिससे छोटे मेडिकल संचालक मुसीबत मेें आ गये हैं.
* कोरोना काल में 10 हजार लाइसेंस
फ्रूड व ड्रग विभाग के सहआयुक्त गौरीशंकर बायले ने बताया कि, 2019-20 बजे 10344 नये परवाने दिये गये थे. यह कोरोना का पीक पीरिएड था. मगर उसी वर्ष के अंत में 4290 परवाने सरेंडर भी हो गये. जिससे कह सकते है कि, दवा व्यवसाय में मंदी आ गई. या दुकानें बेतहाशा बढ जाने से व्यवसाय प्रभावित हुआ. लॉकडाउन में अन्य धंधे बंद होने से लोगों का दवा कारोबार की तरफ ध्यान बढा था.
* 6 माह में 3743 परवाने सरेंडर
गत 6-7 माह में दवा व्यवसाय में पहले जैसी बात नहीं होने का दावा शहर के कारोबारी कर रहे है. राज्य स्तर पर 2020-21 में 3922, पिछले वर्ष 5 हजार से अधिक और इस साल 6 माह में 3743 लाइसेंस सरेंडर हो जाने की अधिकृत जानकारी है. अमरावती में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है. दर्जनों दुकानदारों ने अपने परवाना एफडीए को लौटा दिये हैं.

* भारतीया का आरोप सरकार पर
अमरावती केमिस्ट एसो. के प्रमोद भारतीया ने अमरावती मंडल से बातचीत में कबूल किया कि, ऑनलाइन फॉर्मसी और कुछ कंपनियों के धडाधड खुल रहे विशाल मेडिकल स्टोर के कारण लोगों को डिस्काउंट पर दवा मिलने से आम दवा कारोबारी हलकान हो रहा है. उसका धंधा प्रभावित होकर काफी नुकसान सहने के बाद मेडिकल बंद करने की नौबत आ रही है. इसके लिए सरकार की नीति जिम्मेदार है. सरकार को नीति दुरुस्त करने केमिस्ट एसो. ने कई बार राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर निवेदन दिये. किंतु असर नहीं पडा. हर महीने 2-3 मेडिकल बंद होने की स्थिति है.

* अमरावती में 1800 केमिस्ट
दवाई के कारोबार की तरफ काफी लोग आकर्षित हुए. आज की घडी में अमरावती जिले में 1800 से अधिक पंजीकृत केमिस्ट है. शहर में ही 700 से अधिक दुकानें चल रही है. व्हाइट कॉलर कारोबार माना जाता है. किंतु सभी शिकायत करते हैं कि, पहले जैसी कमाई अब नहीं रह गई.

Related Articles

Back to top button