32 माह में लॉज गिराने की 30 नोटीस, इमारत ढ़हने पर भी मुख्य आरोपी आजाद
राजेंद्र लॉज संचालक क्षतिग्रस्त करना चाहता था राजदीप एम्पोरियम को
* पुलिस में शिकायत करने के बावजूद नहीं हुई थी कोई कार्रवाई
* मनपा व पुलिस प्रशासन की मिलीभगत रहने का संदेह
* मामला राजेंद्र लॉज की दो मंजिला इमारत के निचले माले की इमारत की छत ढहने का
अमरावती/दि.2- सर्वाधिक चलहल-पहल वाले प्रभात टॉकीज परिसर स्थित अतिजर्जड़ राजेंद्र लॉज की दो मंजिला इमारत के निचले माले की इमारत ़गत रविवार को ढह जाने से मलबे के नीचे दबने से पांच लोगों की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए. लेकिन इस प्रकरण में मनपा और पुलिस प्रशासन खुद के हाथ झटकने के लिए कार्रवाई के नाम पर लीपापोती कर मुख्य आरोपी को छोडकर राजदीप एम्पोरियम के संचालक और उनकी मां को गिरफ्तार किया है. जबकि इस अतिजर्जर इमारत को ढ़हाने के लिए राजेंद्र लॉज के संचालक को वर्ष 2020 से इस वर्ष जुलाई माह तक कुल 30 नोटीस दी जा चुकी थी. साथ ही ग्राउंड फ्लोर की दुकान को क्षतिग्रस्त करने की साजिश संबंधित लॉज संचालक की रहने बाबत कोतवाली थाने में शिकायत सबूत के साथ दिए जाने के बावजूद पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, इस बाबत आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक प्रभात टॉकीज के पास की तिमंजिला राजेंद्र लॉज की इमारत का निर्माणकार्य वर्ष 1942 में उस वक्त की नगर पालिका की मंजूरी से किया गया था. समय बितने के साथ पहली और दूसरी मंजिल के संचालक राहुल राजेंद्र जैन और ग्राउंड फ्लोर पर स्थित चार दुकान राजदीप एम्पोरियम, शाहीन पेन हाऊस, आसाम टी कंपनी और एक अन्य दुकान हर्षल भ़रत शाह, उनकी मां सुशीला भरत शाह, फकरूद्दीन ताहेरअली, रोहित पटेल और निशांत विजय गावंडे के मालकी की है. वर्षो पुरानी इस अतिजर्जर इमारत की पहली और दूसरी मंजिल (राजेंद्र लॉज) को गिराने बाबत मनपा के राजापेठ जोन क्रमांक 2 की तरफ से 28 फरवरी 2020 को पहला नोटीस दिया गया. नोटीस में कहा गया था कि सर्वाधिक चहल-पहल वाले इलाके की यह इमारत काफी जर्जर हो चुकी है और इसका इस्तेमाल करना उचित नहीं है. यदि वह ढ़ह गई तो जिवीत व वित्त हानी होने की संभावना है. इस कारण नोटीस मिलने के 7 दिन के भीतर उसे निजी अभियंता के मार्गदर्शन में ध्वस्त किया जाए. तब राजदीप की संचालिका सुशीला शहा की तरफ से राहुल जैन को वकील के जरिए 10 जून 2021 को जवाब दिया गया था कि उन्होंने नोटीस मिलने के 15 माह बाद भी मनपा के निर्देश का पालन नहीं किया है. उपरी दोनों मंजिल को ढ़हाते समय तल मजले के संचालक उन्हें सहयोग करने तैयार है. लेकिन लॉज संचालक ने ऐसे हर नोटीस के जवाब को नजगअंदाज कर दिया. वर्ष 2020 से 20 जुलाई 2022 तक मनपा की तरफ से कुल 30 नोटीस लॉज संचालक को दी गई. मनपा द्वारा भी हर दफा पहली और दूसरी मंजिल को 48 घंटे के भीतर ढ़हाने की सूचना दी गई थी. आखिर नोटीस देने के तीन माह बाद मजदूरो की सहायता से उपरी दोनों मंजिल को गिराने का कार्य शुरू किया गया. इमारत की दोनों मंजिल गिराते समय मलबा वहीं रख ग्राउंड फ्लोर की दुकान को क्षतिग्रस्त करने के भी प्रयास किए गए. मजदूरों द्वारा नीचे की दुकान पर सब्बल से प्रहार किए गए. इस बाबत सबूत के साथ कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज की गई. लेकिन पुलिस ने संबंधित पर कोई कार्रवाई नहीं की. साथ ही मनपा अधिकारियों ने भी वहां पहुंचकर निरीक्षण अथवा जांच नहीं की. जब इमारत ढ़हकर पांच लोगों की मौत हुई तब राजदीप एम्पोरियम के संचालक हर्षल शहा और सुशीला शहा को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया. जबकि मुख्य आरोपी अभी भी आजाद है.इस बाबत आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है.
ग्राउंड फ्लोर अच्छा था?
मनपा द्वारा दी गई अनेको नोटीस के बाद जब एक्सपर्ट इंजीनिअर के जरिए इस इमारत का सर्वेक्षण किया तब संबंधित इंजीनिअर ने हर दफा ग्राउंड फ्लोर मजबूत रहने और उपरी दोनों मंजिल का मलबा हटाने का मत दिया था. लेकिन लॉज संचालक द्वारा इमारत का कुछ भाग गिराने के बाद मलबा वहीं रखा था. बारिश के पानी के कारण वह मिट्टी का मलबा भारी हो गया और साथ ही नीचे की दुकान को क्षतिग्रस्त भी किया गया. इस कारण यह इमारत पूरी तरह ढ़ह गई. लेकिन कोतवाली पुलिस ने अभी तक मुख्य आरोपी लॉज संचालक को गिरफ्तार नहीं किया है.साथ ही मनपा के अधिकारियों के बयान भी नहीं लिए है. दुकान को क्षतिग्रस्त करने की साजिश किए जाने की शिकायत देने के बाद यदि उस समय पुलिस द्वारा जांच की गई होती तो यह बडी अनहोनी टल सकती थी.
मनपा 32 माह क्या करती रही
मनपा प्रशासन द्वारा वर्ष 2020 के फरवरी माह में लॉज संचालक को पहली नोटीस दी गई थी. इस बात को 32 माह बीत गए. पहली नोटीस में सात दिन के भीतर इमारत ढ़हाने सूचित किया गया था. पश्चात अंतिम नोटीस इस वर्ष जुलाई माह में दी गई तब 48 घंटे के भीतर उसे ढ़हाने की सूचना दी गई. लेकिन नोटीस का यह सिलसिला 32 माह तक चलता रहने के बावजूद लॉज संचालक उसका पालन नहीं कर रहा है, यह बात मनपा के संबंधित अधिकारी द्वारा गंभीरता से क्यों नहीं ली गई? यह प्रश्न इस घटना के बाद उपस्थित होता है.
लकडे की बल्लियां लगाकर रखी गई थी पहली मंजिल पर
राजेंद्र लॉज के संचालक ने पहली और दूसरी मंजिल अतिजर्जर होने के बाद उसे गिरने से बचाने के लिए लकडे की बल्लियां लगाकर रखी थी और मनपा अधिकारियों से हाथ मिलाकर ग्राऊंड फ्लोर के दुकानदारों को नोटीस भेजकर परेशान करना शुरू किया. लेकिन इतना बडा हादसा होने के बावजूद अभी तक लॉज संचालक आजाद घूम रहा है. अब देखना है पुलिस आगे कौनसा कदम उठाती है.