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लवाद न्यायाधिकरण के नाम पर 30 हजार का लगाया चुना

नकली अधिकारी ने केस दायर करने का बनाया था झूठा बहाना

* आरोपी रामटेके के खिलाफ गाडगे नगर थाने में धोखाधडी का अपराध दर्ज
अमरावती/दि.4 – गाडगे नगर पुलिस थाना क्षेत्र के पंचवटी चौक परिसर में लवाद न्यायाधिकरण कार्यालय का मुखिया बताते हुए आरोपी सिद्धार्थ रामटेके ने शिकायतकर्ता रवींद्र नरुदे को न्याय दिलाने के बहाने नकली केस दर्ज कर 30 हजार 600 रुपए का चूना लगाया. इस शिकायत पर गाडगे नगर पुलिस ने सिद्धार्थ रामटेके के खिलाफ धोखाधडी करने की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरु की है.
सिद्धार्थ रामटेके यह दफा 384, 385, 420, 419, 465, 468, 471 के तहत अपराध दर्ज किए गए. आरोपी का नाम रवींद्र पंढरीनाथ नरुदे (44, रवि नगर हनुमान मंदिर के पास, अम.) ने पुलिस थाने में दी शिकायत में बताया कि, पेशे से वे जीम ट्रेनर है. उन्होंने घरेलू संबंध रहने वाले सुधीर थोरात को वर्ष 2016 में कुछ रकम उधार दी थी. परंतु काफी लंबा समय बीत जाने के बाद भी उन्होंने रक्कम वापस नहीं लौटाई. इस बीच आरोपी सिद्धार्थ ने खुद को पंचवटी चौक स्थित लवाद न्यायाधिकरण कार्यालय प्रमुख बताया. न्यायालय में जाने के बाद आरोपी से मुलाकात की. आरोपी सिद्धार्थ ने रवींद्र को विश्वास में लेकर केस के लिए शुरुआत में 20 हजार रुपए और केस फाइनल होने पर 50 हजार रुपए देना होगा, ऐसा कहकर रवींद्र से 30 हजार 600 रुपए ले लिए. काफी दिन बितने के बाद भी न्याया मिला नहीं. तब वे आरोपी के कार्यालय में गए और केस वापस लेने के लिए दिए गए दस्तावेज व रकम वापस मिलने बाबत आवेदन किया. उन्हें 2-3 माह तक गुमराह कर घुमाते रहे.
इसके बाद आरोपी सिद्धार्थ ने शिकायतकर्ता रवींद्र को अपने कार्यालय में बुलाकर केस वापस लेने के लिए 50 हजार रुपए की मांग की और रुपए नहीं दिए, तो अपराध दर्ज कराने की धमकी दी. इस पर शिकायतकर्ता ने आरोपी के पास लवाद न्यायाधिकरण चलाने की कोई भी सरकारी अनुमति न रहने के बाद खुद के फायदे के लिए लवाद अधिकारी बताकर झूठ बोलकर नकली दस्तावेज तैयार किए. शिकायतकर्ता से रुपए मांगकर जल्द से जल्द मुकदमें का फैसला कर न्याय दिलाने के लिए 30 हजार 600 रुपए लेकर धोखाधडी की. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने सिद्धार्थ रामटेके के खिलाफ अपराध दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरु की है.

* इससे पहले रामटेके को गिरफ्तार किया था
लवाद न्यायाधिकरण के नाम पर जो लोगों के खिलाफ रामटेके ने आर्थिक धोखाधडी की है, वे शिकायत व अपराध दर्ज कराने के लिए सामने आए. इससे पहले शिकायत के आधार पर रामटेके को गिरफ्तार किया था.
– पूनम पाटील, सहायक पुलिस आयुक्त

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