अमरावती

जेल से छूटे ‘डॉन’ को लेने आया 300 कारो का काफिला

पुणे का निलेश घायवल 21 माह से मध्यवर्ती कारागृह में कैद था

* उच्च न्यायालय से जमानत मिलने पर अमरावती जेल से छोडा गया
अमरावती/ दि.9 – बीते बुधवार की शाम 6.30 बजे अमरावती के रेलवे स्टेशन से होते हुए डिपो रोड, बियाणी चौक से जिला मध्यवर्ती कारागृह तक 300 कारो का काफिला एकसाथ दिखाई दिया. देखने वाले देखते ही रह गए. लोगों का अनुमान था कि, कोई बडा दिग्गज मंत्री अमरावती दौरे पर है. परंतु उस काफिले में एक भी सरकारी गाडी नहीं थी. हालांकि पुणे का डॉन निलेश घायवल पिछले 31 माह से जिला कारागृह में बंद था. उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद उसे जेल से छोडा गया. वह 300 कारो का काफिला उस डॉन को लेने के लिए अमरावती आया था.
बता दे कि, जब यह काफिला शाम 6.30 बजे डिपो रोड पर पहुंचा तो यहां उपस्थित यातायात पुलिस कर्मचारी भी कुछ देर के लिए परेशान हो गए. उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था. इससे पहले की वे कुछ समझ पाते कारो का यह काफिला मालटेकडी की ओर रवाना हुआ. इस बारे में मिली जानकारी के अनुसार पुणे के कुख्यात डॉन निलेश घायवल को बुधवार के दिन उच्च न्यायालय से जमानत मिली. उसके बाद निलेश के समर्थक 300 कारो के माध्यम से मध्यवर्ती कारागृह पहुंचे. इन कारो में करीब 1500 से अधिक लोग बैठे थे. अचानक मध्यवर्ती कारागृह पहुंचने और पुलिस को इसकी सूचना पहले ही मिलने की वजह से जेल के बाहर देर शाम के वक्त पुलिस का तगडा बंदोबस्त लगाया गया था.
जानकारी मिली है कि, उच्च न्यायालय ने 1 लाख के मुचलके पर निलेश घायवल को जमानत दी है. जमानत को लेकर न्यायमूर्ति संदीप शिंदे ने बुधवार को आदेश जारी किये है. बताया जाता है कि, निलेश घायवल पर पुणा के कोथरुड के एक मामले में अपराध दर्ज होने के बाद पिछले 21 माह से अमरावती मध्यवर्ती कारागृह में सजा काट रहा था. इस मामले में उच्च न्यायालय में एड. आबाद कोंडा व एड. विपुल दुशिंग ने जमानत के लिए आवेदन दायर किया था. सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने कुछ शर्तो के बिना पर 1 लाख के मुचलके पर निलेश घायवल को जमानत दी है.

मुंबई, अकोला, नाशिक, ठाणे से अमरावती पहुंचे समर्थक
बताया गया कि, बुधवार को निलेश घायवल को जमानत मिल रही है. यह खबर सुनते ही अमरावती समेत वर्धा, अकोला, यवतमाल, नाशिक, पुणे, ठाणे से निलेश के समर्थक अपने दलबल के साथ अमरावती पहुंचे. अमरावती पहुंचकर सभी समर्थक यहां के वेलकम पाँईंट पर इकट्ठा हुए. उसके बाद यहां से करीब 300 वाहनों का काफिला मध्यवर्ती कारागृह पहुंचा. जानकारी के अनुसार निलेश के लेने के लिए कुछ निजी बॉडीगार्ड भी वाहनों में मौजूद थे. हालांकि अमरावती के इतिहास में पहली बार किसी की जमानत पर उसे लेने के लिए इतना बडा काफिला देखने को मिला. जो शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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