अमरावतीविदर्भ

९५ बीज कंपनियों से ३१.१३ लाख वसूल

बोगस बीजों को लेकर ४६०६ शिकायतें हुई दर्ज

९५ बीज कंपनियों से ३१.१३ लाख वसूल * बोगस बीजों को लेकर ४६०६ शिकायतें हुई दर्ज * ढाई हजार शिकायतों में पाये गये पुख्ता तथ्य, ८९३ बैग की गई वापिस प्रतिनिधि/दि.२८ अमरावती-जारी खरीफ मौसम के दौरान जिले के लिए नकद फसल यानी कैश क्रॉप कहे जाते सोयाबीन का बीज उत्पादक कंपनियों द्वारा सत्यानाश कर दिया गया है. अंकुरण क्षमता नहीं रहनेवाले बीज बेचने को लेकर ९५ कंपनियों के खिलाफ ४ हजार ६०६ शिकायतें कृषि विभाग के पास प्राप्त हुई. पश्चात सरकार व प्रशासन द्वारा कठोर भुमिका अपनाये जाने के चलते बीज कंपनियों को झूकना पडा. जिसकी वजह से अब तक किसानों को ८९३ बैगों की रकम वापिस मिली है. वहीं इन कंपनियों से ३१ लाख १३ हजार ५० रूपये की नुकसान भरपाई भी वसूल की गई है. साथ ही जिन मामलों में कंपनियों द्वारा किसानों को परतावा नहीं दिया जा रहा, उन मामलों में संबंधित कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई है. बता दें कि, इस वर्ष खरीफ सीझन के दौरान रोहिणी नक्षत्र में मान्सून पूर्व बारिश अच्छी रही. पश्चात मृग नक्षत्र के दौरान भी कई इलाकों में संतोषजनक वर्षा हुई. जिसके चलते किसानों ने सोयाबीन बुआई की तैयारी शुरू कर दी, लेकिन बीजों के कुछ लॉट खराब आने के चलते किसानों पर दूबारा बुआई की नौबत आ पडी, लेकिन बीज कंपनियों द्वारा दुबारा बुआई के काम हेतु खर्च होनेवाली रकम का मुआवजा नहीं दिया गया. जिससे दूकानों में बीज कंपनियों के खिलाफ जबर्दस्त रोष व्याप्त है. जानकारी के मुताबिक जिले में करीब १० हजार एकड कृषि क्षेत्र में दूबारा बुआई की नौबत आयी है. जिसके चलते ऐन बुआई के समय किसान काफी आर्थिक दिक्कतों में फंस गये है. इस मामले को लेकर कृषि विभाग के पास ४ हजार ६०६ किसानों ने अपनी शिकायतें दर्ज करायी है. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, सरकारी उपक्रमवाले महाबीज के खिलाफ भी १९३४ शिकायतें दर्ज की गई है. पता चला है कि, बोगस बीजों का मामला उजागर होने के शुरूआती दौर में बीज कंपनियों द्वारा किसानों को किसी भी तरह का मुआवजा देने से इन्कार किया गया. पश्चात तहसील स्तरीय शिकायत निवारण समितियों द्वारा ४ हजार २१८ शिकायतों की पडताल करने पर २ हजार ५१८ शिकायतों में तथ्य पाया गया और २ हजार ५९८ शिकायतों की पडताल करते समय निष्कर्ष निकाला गया कि, कंपनियों द्वारा आपूर्ति किये गये बीज सदोष नहीं थे. इसमें से ६४१ मामलों में कंपनी की ओर से नुकसान भरपाई मिली है. वहीं प्रलंबित रहनेवाली ३८८ शिकायतों की पडताल समिती द्वारा की जा रही है. इसके अलावा ५१ शिकायतकर्ताओं ने अपनी शिकायतें वापिस ले ली है. इसके साथ ही उर्वरक व उपज क्षमता नहीं रहनेवाले बीजों की बिक्री करने के मामले को लेकर अमरावती तहसील के दो पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज करायी गयी है.

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