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बडे 9 प्रकल्पों में औसतन 37 प्रतिशत पानी
अमरावती/दि.10 – दिनोंदिन पश्चिम विदर्भ के सिंचाई प्रकल्प के जलसाठे की स्थिति गंभीर होते चली जा रही है. गर्मी का तडाखा बढने से प्रकल्प से पानी की तेजी से बाफ हो रही है. 6 मई तक जलसंपदा विभाग के आंकडों के अनुसार पश्चिम विदर्भ के बडे, मध्यम व लघु इस तरह कुल 511 प्रकल्प में औसतन केवल 31.40 प्रतिशत पानी शेष रहने से चिंता बढ चुकी है. इस तरह की स्थिति में फिलहाल जलकिल्लत नहीं है फिर भी आगामी एक महिना पानी संभलकर इस्तेमाल करे, इस तरह के विचार जल विशेषज्ञों ने व्यक्त किये है.
बडे शहरों को जलापूर्ति करने वाले 9 बडे प्रकल्प में औसतन 36.86 प्रतिशत पानी शेष है. पिछले वर्ष अच्छी बारिश होने से प्रकल्प 100 प्रतिशत भरा था. इसी कारण अब तक कही पर भी जलकिल्लत निर्माण नहीं हुई. 25 मध्यम प्रकल्प में औसतन 35.60 प्रतिशत पानी शेष है तथा 477 लघु प्रकल्प में 22.8 प्रतिशत पानी है. 511 प्रकल्प का उपयुक्त जलसाठा यह 3282.60 दलघमी इतना है. उनमें से आज का उपयुक्त साठा यह 1031.05 प्रतिशत है. उसका औसत 31.40 प्रतिशत है.
9 बडे प्रकल्प की स्थिति
अमरावती शहर के जलापूर्ति करने वाले जिले का एकमात्र बडा प्रकल्प रहने वाले उर्ध्व वर्धा प्रकल्प में सर्वाधिक 47.75 प्रतिशत पानी है. यवतमाल जिले के पुस प्रकल्प में 26.57 प्रतिशत, अरुणावती 26.23 प्रतिशत, बेंबला 42 प्रतिशत, अकोला जिले के काटेपूर्णा 33.54 प्रतिशत, वाण 38.30 प्रतिशत, बुलढाणा जिले के नलगंगा प्रकल्प में 32.03 प्रतिशत, पेन टाकली 22.9 प्रतिशत, खडकपूर्णा सबसे कम 4.68 प्रतिशत पानी शेष है. मध्यम प्रकल्पों की भी यही स्थिति है.