अमरावती

3,111 किलो सुकामेवा अंबादेवी व एकवीरा देवी को अर्पण

अमरावती-/दि.4 विदर्भ की कुलस्वामिनी माता अंबादेवी व एकवीरा देवी के दर्शनार्थ भक्तों का हर साल नवरात्री में तांता लगा रहता है. मंदिर प्रशासन द्वारा भक्तों का पूरा ख्याल रखते हुए मां के दर्शनों की व्यवस्था की जाती है. जिसके कारण केवल विदर्भ ही नहीं मां को माननेवाले भक्त दूर-दूर से अमरावती अर्थात अंबानगरी पधारते है.
इस नवरात्री की परंपरा के साथ नवरात्री में दोनों मंदिर संस्थान की ओर से भक्तोें को सुकामेवा का प्रसाद वितरित किया जाता है. इस वर्ष भी इस परंपरा का पालन करते हुए सोमवार को महाअष्टमी के दिन अंबादेवी संस्थान व एकवीरादेवी संस्थान की आरती समिति द्वारा मां को 3 हजार 111 किलो का सुके मेवे का प्रसाद विधि-विधान के साथ अर्पण किया गया.
हर साल की तरह इस वर्ष भी एकवीरा देवी संस्थान की आरती समिती की ओर से भक्तों को सुका मेवा के प्रसादी में सहयोग देने तथा दानदाताओं को आमंत्रित किया गया. विगत सात दिनों में मंदिर संस्थान को 3 हजार 111 किलो प्रसादी के लिए दानदाताओं का वस्तु तथा नकद राशि के रूप में भरपुर सहयोग मिला है. जिसके माध्यम से मंदिर संस्थान द्वारा प्रसादी की व्यवस्था की गई है.
यह प्रसादी विशेष रूप से सुके मेवे से बनाई जाती है. जिसमें शक्कर के साथ काजु, बादाम, बेदाना, नारियल पिस्ता, जर्दालू जैसी वस्तुओं का समावेश होता है. शहर के व्यापारी, उद्योजक, समाजसेवी, राजनीतिज्ञों तथा अन्य मान्यवरों द्वारा प्राप्त इन वस्तुओं को टुकडों में काटकर उनकी प्रसादी पैकेट तैयार की जाती है. जिसे नवमी के दिन भक्तों में वितरित किया जाता है. सोमवार को देर शाम तक एकवीरा देवी मंदिर में दानदाताओं द्वारा दिये जानेवाली प्रसादी सामग्री प्राप्त होना शुरू ही था. जिसके कारण रात 10 बजे के करीब मान्यवरों की उपस्थिति के साथ अंबादेवी एवं एकवीरा देवी संस्थान से ट्रस्टी की उपस्थिति में यह प्रसादी गाजे-बाजे के साथ एकवीरा देवी मंदिर से अंबादेवी मंदिर ले जाई गई. जहां मां को प्रसादी का विधि-विधान से भोग लगाया गया. पश्चात यह प्रसादी एकवीरा देवी मंदिर में लाई गई. जहां एकवीरा माता को प्रसादी का भोग लगाया गया.

भक्तों को मिला प्रसादी का लाभ
शारदीय नवरात्रोत्सव में वैसे तो अष्टमी के दिन मां के भक्तों को उपवास होता है. उपवास में सुके मेवे का प्रसाद खाया जा सकता है. यही कारण है कि मंदिर की और से इस सुकामेवा प्रसादी का वितरण होता है. जिसका मंदिर में आनेवाले भक्तों को लाभ मिलता है. अष्टमी के दिन से नवमी के दिन तक हर साल एक लाख भक्तों की उपस्थिति दर्ज की जाती है. इस वर्ष भी इतने ही भक्तों को प्रसादी का लाभ मिलने की अपेक्षा है.
– शेखर कुलकर्णी
सचिव, एकवीरा देवी संस्थान

आज हुआ प्रसाद वितरण
सोमवार को देर रात मां को प्रसादी का भोग लगाया गया. इस प्रकार अष्टमी के दिन भक्तों में सुका मेवा का प्रसाद वितरित नहीं हो पाया. मंदिर संस्थान की ओर से अंबादेवी व एकवीरा देवी मंदिर में आनेवाले पुरूष एवं महिला भक्त एकत्रित रूप से एकवीरा देवी मंदिर के पिछले मैदान से दर्शन पश्चात बाहर निकलते है. समिती की ओर से एकवीरा देवी मंदिर के बाहरी दरवाजे के पास नवमी अर्थात आज मंगलवार, 4 अक्तूबर को सुकामेवा के प्रसादी पैकेट सुबह 8 बजे से भक्तों में वितरीत करने शुरू हो गये है.

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