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314 गृहनिर्माण प्रोजेक्ट दिवालिया होने की कगार पर

एनसीएलटी की वेबसाइट पर महारेरा को दिखाई दिए

* सर्वाधिक 236 प्रकल्प मुंबई के
अमरावती/दि. 10 – महारेरा के पास पंजीबद्ध 314 गृहनिर्माण परियोजनाएं कर्जे में गहन डूबी होने की जानकारी राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण की वेबसाइट पर नजर आई है. जिसमें सर्वाधिक 236 प्रोजेक्ट मुंबई के हैं. एनसीएलटी ने इन प्रकल्पों पर दिवालिया होने की कार्रवाई शुरु की है. इन प्रकल्पो में 56 ऐसे प्रोजेक्ट है. जिसमें 34 प्रतिशत से अधिक फ्लैट का पंजीयन हो चुका है. 194 प्रकल्प लैप्स हो गए है. शेष 64 प्रकल्प पूर्ण हो गए हैं. उसमें 84 प्रतिशत फ्लैटस् का पंजीयन होने की जानकारी महारेरा ने दी है. महारेरा का कहना है कि, व्यवहार में पारदर्शिता लाने और निवेशकों के साथ धोखाधडी न हो, इसलिए सावधान करने महारेरा ने संपूर्ण सूची अपनी वेबसाइट पर घोषित कर दी है. इसी प्रकार महारेरा अध्यक्ष मनोज सौनिक का कहना है कि, पिछले वर्ष भी महारेरा ने ऐसे 308 प्रकल्पों की जिलानिहाय सूची घोषित की थी.
* इस प्रकार हुआ है पंजीयन
महारेरा ने बताया कि, मुंबई उपनगर के 88 में से 51 प्रकल्पों में 70 प्रतिशत, पुणे के 52 में से 45 प्रकल्पों में 75 प्रतिशत, ठाणे के 106 प्रकल्पों में से 52 प्रकल्पों में 50 प्रतिशत, पालघर के 16 प्रकल्पों में 74 प्रतिशत, सोलापुर के 5 प्रकल्पों में 87 प्रतिशत, नागपुर के दोनों प्रकल्पों में 60 प्रतिशत और छत्रपति संभाजी नगर के बंद पडे एक प्रकल्प में 55 प्रतिशत फ्लैट का पंजीयन हो गया. मुंबई शहर के 9 में से 2 लैप्स प्रकल्पों में 68, नाशिक के तीनों लैप्स प्रकल्पों में 34, रायगढ के 13 प्रकल्पों में 32 प्रतिशत फ्लैट का पंजीयन हुआ है.
शुरु 56 प्रकल्पों में से मुंबई उपनगर के 21, ठाणे के 20, मुंबई शहर के 5, पुणे 5, पालघर और रायगढ के 2-2 प्रकल्प हैं. जहां क्रमश: 38, 28, 31, 41, 65, 9 प्रतिशत फ्लैट का पंजीयन हुआ है. रत्नागिरी के एकमात्र प्रकल्प में कोई पंजीयन नहीं हुआ.
* महारेरा अध्यक्ष सौनिक का कहना
घर खरीदनेवालों का निवेश सुरक्षित, संरक्षित रखने महारेरा सतत प्रयत्नशील है. कर्जग्रस्त और दिवालिया प्रक्रिया के प्रकल्पों की जानकारी महारेरा को मिलती है. एनसीएलटी की वेबसाइट से जानकारी की पुष्टि करने के बाद महारेरा ग्राहकों की जानकारी हेतु अपनी वेबसाइट पर उसे जारी करती है. दिवालिया 314 प्रकल्पों की यह सूची उन्हीं प्रयत्नों का भाग है. पिछली बार भी अप्रैल में ऐसे दिवालिया प्रकल्पों की जिलानिहाय सूची प्रकाशित की थी. उसकी अच्छी मदद हुई, ऐसी बात कई लोगों ने महारेरा को खुद होकर बताई. महारेरा की वेबसाइट पर सूची देखकर घर खरीदी करने का आवाहन किया जाता है.
– मनोज सौनिक, अध्यक्ष, महारेरा.

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