अमरावती

32 हजार मजदूरों को मुफ्त मिलता है दोपहर का भोजन

राज्य सरकार चला रही है मजदूरों के लिए उपक्रम

अमरावती/दि.14 – राज्य सरकार ने निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए मध्यान्ह भोजन योजना शुरु की है. जिसके तहत पंजीकृत व अपंजीकृत ऐसे दोनों तरह के मजदूरों को नि:शुल्क भोजन दिया जाता है. अमरावती जिले में ऐसे करीब 33 हजार पंजीकृत मजदूरों को दोपहर का भोजन मिलता है. वहीं अपना पंजीयन कराने वाले अन्य मजदूरों को भी दोपहर का भोजन नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है. जिसके चलते उन पर पडने वाला आर्थिक बोझ भी घटता है.

* क्या है योजना
इस योजना के जरिए भवन निर्माण मजदूरों सहित घरकुल व मनरेगा कामगारों के भोजन की व्यवस्था की जाती है. जिसके तहत उन्हें रोजाना सुबह व शाम के वक्त भोजन का डिब्बा नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है.

* भोजन में दिया जाता है पौष्टिक आहार
इस योजना के तहत कामगारों को 2,100 कैलोरिज उपलब्ध होने की दृष्टि से दाल, भात, सब्जी, रोटी, गुल, अचार व सलाद आदि का समावेश रहने वाला भोजन उपलब्ध कराया जाता है.

* कामगार आयुक्त कार्यालय के जरिए योजना पर अमल
जिले में कामगार कार्यालय के पास 33 हजार 958 मजदूरों का पंजीयन किया गया है. जिसमें से भोजन की मांग दर्ज करने वाली मजदूरों की संख्या काफी कम है. परंतु जिन मजदूरों ने अपना पंजीयन कराया है. उन तक भोजन पहुंचाने का पूरा प्रयास किया जाता है. ऐसी जानकारी कामगार आयुक्त कार्यालय द्बारा की गई है.

* मजदूरों का पंजीयन कैसे होगा
भोजन के लिए कामगारों की सूची जिलास्तर पर खूद कामगारों को ही देनी होती है. जिसके बाद इन कामगारों की जांच पडताल करते हुए उन्हें भोजन हेतु योजना में शामिल किया जाता है.

* प्रत्येक कामगार करें पंजीयन
इस योजना में शामिल होने हेतु कामगारों को सबसे पहले अपना पंजीयन कराना आवश्यक होता है. जिसके बाद उन्हें नि:शुल्क भोजन योजना का लाभ दिया जाता है. ऐसे में जरुरी है कि, प्रत्येक कामगार इस योजना के लाभ हेतु अपना पंजीयन करें.
– राहुल काले,
कामगार अधिकारी

* प्रत्येक गांव में होनी चाहिए व्यवस्था
यह योजना काफी अच्छी है, लेकिन प्रत्येक गांव में इस योजना का सेंटर नहीं है. ऐसे में पंजीयन करने के बावजूद प्रत्येक गांव के मजदूरों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाता. अत: बेहद जरुरी है कि, प्रत्येक गांव में मजदूरों के लिए नि:शुल्क भोजन योजना का सेंटर हो.

Back to top button