* गुजरात से भी आया माल
* रेट बढे, हजारों परिवारों का परंपरागत व्यवसाय
अमरावती/ दि. 9-शहर में हजारों मूर्तिकारों ने 32 हजार से अधिक लक्ष्मी की मूर्तियां मिट्टी से तैयार की है. दाम बढने के बावजूद डिमांड कायम है. गुजरात के अहमदाबाद से भी मिट्टी और पीओपी की मूर्तियां बडे प्रमाण में लायी गई है. विभिन्न भागों में दुकानें सजी है. जहां अमरावती के मूर्तिकार अलग से अपनी दुकानें गांधी चौक, रेलवे स्टेशन के पिछले भाग, रविनगर, भाजी बाजार, गाडगेनगर, विलासनगर, राजापेठ, कंवरनगर, दस्तूर नगर आदि भागों में सजा चुके हैं. अभी भी माल की आवक आसपास के नगरों से बनी हुई है. एक अंदाज के अनुसार शहर में 75 हजार से अधिक मूर्तियों का व्यवसाय होगा. 200 रूपए से लेकर 3 हजार रूपए तक मूर्तियों के दाम रहने की जानकारी शिल्पियों ने दी.
* हजारों को रोजगार
गणपति के बाद हाल के वर्षो में लक्ष्मी मूर्तियों की डिमांड बढी है. जिससे शहर में शिल्पियों ने मूर्तियां गढनी की संख्या बढा दी है. निश्चित ही अनेक परिवार परंपरागत रूप से इस व्यवसाय से जुडे हैं. तैयार मूर्तियों को बिक्री के लिए भी रोजगार पैदा हुए है. सैकडों लोग मूर्तिकारों से बल्क में खरीदी कर सडक किनारे दुकान लगाकर इसका बिजनेस कर रहे हैं. ऐसे अनेक लोग हैं. वहीं कई मूर्तिकार अपने स्टॉल खुद लगाते हैं. उनमें विलासनगर के सचिन पंजाबराव लोणारे शामिल है. वे पुश्तैनी रूप से मूर्तियों को गढ रहे हैं. सचिन ने बताया कि लक्ष्मी माता का सुंदर सजीला स्वरूप और उसमें साडी और केस तथा फेटेवाली मूर्तियां पसंद की जाती है. लोणारे परिवार लगभग 1500 मूर्तियों की बिक्री करता आया है. ऐसे शहर में सैकडों परिवार हैं.