अमरावती

मध्य रेल में सीवेज पर प्रक्रिया करने 32 जलशुद्धीकरण केंद्र

ताजे पानी की खपत में 6.3 प्रतिशत की कमी

अमरावती / दि. 22- मध्य रेलवे ने सीवेज और सीवेज की प्रक्रिया के लिए 32 से अधिक जल शुद्धिकरण संयंत्र स्थापित किए हैं. यह प्रतिदिन एक करोड़ लीटर से अधिक पानी का प्रसंस्करण करता है. इसलिए, ये केंद्र बढ़ते जल संकट के स्थायी समाधान के रूप में उपयोगी हो रहे हैं. यह पर्यावरण में प्रदूषित जल के निस्सरण को भी समाप्त कर रहा है.
मध्य रेलवे का पर्यावरण और गृह संरक्षण प्रबंधन विभाग विभिन्न उपायों के माध्यम से पर्यावरण केंद्र स्थिरता लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है. जल संरक्षण के संबंध में राष्ट्रीय हरित न्यायपालिका और रेलवे/बोर्ड द्वारा जारी मानदंडों के अनुसार सीवेज पर प्रक्रिया की जा रही है.रेलवे प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सीवेज पर प्रक्रिया के बाद पानी का पीने योग्य उद्देश्यों या खाना पकाने के उद्देश्यों के लिए पुन: उपयोग नहीं किया जाता है. मध्य रेलवे में 2022 तक 1575 किलोलीटर प्रतिदिन केएलडी पानी का उत्पादन करने की क्षमता वाले 10 नए जल शुद्धिकरण परियोजनाएं कार्यान्वित की गई हैं. इन व्यापक जल संरक्षण उपायों के कारण मध्य रेलवे ने ताजे पानी की खपत में 6.3 प्रतिशत की कमी दर्ज की है. भुसावल में रेलवे जनसंपर्क अधिकारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि वह पूरे क्षेत्र में प्रमुख उपभोग केंद्रों पर जल ऑडिट और बचत अनुमानों के माध्यम से जल संसाधनों के संरक्षण में आगे बढ़ रहा है.
* यहां स्थापित किया गया जलशुद्धिकरण केंद्र
– लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर 120 केएलडी क्षमता के 2 वॉटर रिसायकलिंग प्लांट
-अहमदनगर में 50 केएलडी क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
– नासिक रोड पर 200 केएलडी क्षमता का केंद्र
-अकोला में 500 केएलडी क्षमता का केंद्र
– खंडवा में 500 केएलडी क्षमता कर केंद्र
– कोपरगांव में 15 केएलडी क्षमता का केंद्र
– सोलापुर में 15 केएलडी क्षमता का केंद्र
– अजनी, नागपुर में 40 केएलडी क्षमता का केंद्र
-साईंनगर शिरडी में 15 केएलडी क्षमता की परियोजना

 

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