नागपुर/प्रतिनिधि दि.१० – कोविड-19 संक्रमण के दरम्यान साल 2020 में जून से दिसंबर के दौर में देश भर में लगभग 32,996.4 टन बायोमेडिकल कचरा निकला. सबसे ज्यादा 5,597 टन कचरा अक्टूबर माह में निकला. केंद्रीय प्रदूषण नियामक बोर्ड की जानकारी के अनुसार बायोमेडिकल कचरा निकलने को लेकर महाराष्ट्र की स्थिति काफी खराब है. जून 2020 से दिसंबर 2020 तक महाराष्ट्र में लगभग 5,369.254 टन बायोमेडिकल कचरा निकला. अन्य राज्य की तुलना में ज्यादा है. अगस्त 2020 में एक ही महिने में राज्य में 1,359 टन बायोमेडिकल कचरा निकला था. जो अपने आप में एक रिकार्ड है. विशेषज्ञों की मानों तो कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद बायोमेडिकल कचरें में बढोत्तरी हो रही है. सीपीसीबी के आंकडेवारी के अनुसार इस वर्ष अप्रैल माह में संपूर्ण देश में रोजाना 139 टन बायोमेडिकल कचरा निकला है. जबकि मई तक रोजाना 203 टन कचरा निकला सीपीसीबी को राज्य से मिले आंकडेवारी पर नजर डाले तो महाराष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा बायोमेडिकल कचरा निर्माण करने वाले राज्यों में केरल, गुजरात, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उडिसा का समावेश है.
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सबसे ज्यादा बायोमेडिकल वेस्ट
(जून से दिसंबर 2020 तक कचरा टन में)
महाराष्ट्र 5,369,254
केरल 3,301,609
गुजरात 3,088,819
तामिलनाडू 2,814,619
उत्तर प्रदेश 2,504,802
दिल्ली 2,474,323
प. बंगाल 2,097,943
कर्नाटक 2,027,343
मध्य प्रदेश 1,493,129
हरियाणा 1,436,292
आंध्र प्रदेश 1,341,975
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कोरोना दौर में निकला औसतन बायोमेडिकल कचरा (टन प्रतिदिन)
जून 3,025.41
जुलाई 4,253.46
अगस्त 5,238.45
सितंबर 5,490
अक्टूबर 5,597
नवंबर 4,864.53
दिसंबर 4,527.55
कुल 32,996.4