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33 घंटे बाद मालखेड से बडनेरा रेल लाइन पूर्ववत

दिवाली की पूर्व संध्या पर बेपटरी हुए थे मालगाडी के 20 डिब्बे

* टिमटाला-मालखेड के बीच हुआ था रेल हादसा
* मालगाडी के बेपटरी होने से रेल यातायात कई घंटों तक बाधित रहा
* कई रेलगाडियों का रूट बदला गया, कई गाडियां हुई निरस्त
* पूरा दिन रेल महकमा युध्दस्तर पर जूटा रहा काम में
अमरावती/दि.25 – चांदूर रेल्वे से बडनेरा रेल मार्ग पर मालखेड रेल्वे के पास मालगाडी के 20 डिब्बे रविवार की देर रात 11.20 बजे के दौरान पटरी से उतरने के कारण रेल यातायात पूरी तरह ठप हो गया था. इस हादसे के बाद नागपुर-मुंबई रेल्वे ट्रैक पर बडनेरा से होकर गुजरनेवाली सभी रेलगाडियों कोे नरखेड रेल लाइन से मोड दिया गया था. वही कई रेलगाडियों के समय में परिवर्तन करने के साथ ही कुछ रेलगाडियों को निरस्त भी किया गया. इसकेे बाद दीपावलीवाले दिन इस रेल्वे ट्रैक को खुला करने के लिए रेल प्रशासन पूरे दिन भर युध्दस्तर पर काम में जुटा रहा और करीब 33 घंटे तक चले काम के बाद इस रेल मार्ग को मंगलवार की सुबह 7 बजे से सुचारु कर दिया कर दिया गया. जिसके बाद इस रेल मार्ग पर यातायात पहले की तरह सुचारू हो पाया.
जानकारी के मुताबिक मालखेड रेल्वे से टिमटाला की तरफ मालगाडी क्रमांक पीएसएसएस-11405 जा रही थी. अंजनगांव बारी से 8 किमी की दूरी पर इस मालगाडी के 20 डिब्बे अचानक पटरी से नीचे उतर गये. भाग्यवश इस रेल दुर्घटना में कोई जीवित हानी नहीं हुई. उस समय रेलमार्ग से कोई ट्रेन भी गुजरने वाली नहीं रहने से और मालगाडी के चालक व गार्ड द्बारा तत्काल बडनेरा रेल प्रशासन को घटना की जानकारी दिये जाने से तत्काल मार्ग का रेल यातायात बंद कर दिया गया. वही हादसे की जानकारी मिलते ही बडनेरा रेल प्रशासन के आला अफसर तत्काल घटनास्थल आ पहुंचे. 20 डिब्बे मालगाडी के पटरी से नीचे उतरने के कारण पटरियां उखड गई थी. सभी ट्रेनों को नरखेड रेल लाइन से मोडकर युद्धस्तर पर काम शुरु किया गया. क्रेन व जेसीबी की सहायता से मालगाडी के डिब्बे हटाये गये. घटना वाले दिन यानि रविवार की मध्यरात्री से युद्धस्तर पर काम शुरु किया गया. कोयला भरकर जा रही यह मालगाडी दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उसे हटाने के लिए रेल प्रशासन को अथक परिश्रम करना पडा. मालगाडी के डिब्बे दोनों पटरियों (अपडाउन) पर पलटी हो गये थे. कोयला चारों तरफ बिखरा हुआ था. मालगाडी के यह 20 डिब्बे हादसे के बाद पलटी होते ही काफीे क्षतिग्रस्त हो गये थे. उसे हटाने के लिए बडी क्रेनों और जेसीबी की सहायता लेनी पडी. सैकडों रेल कर्मचारी अधिकारियों के मार्गदर्शन में युद्धस्तर पर काम में जुट गये. करीबन 22 घंटे बाद दीपावली के दिन सोमवार 24 अक्तूबर की रात 9 बजे डाउन रेलमार्ग शुरु कर दिया गया. पश्चात सुबह 7 बजे तक दूसरा (अप) रेलमार्ग दुरुस्त कर ट्रेनों का यातायात पूर्ववत किया गया. करीबन 33 घंटे तक दुर्घटनाग्रस्त मालगाडी के डिब्बे घटनास्थल से हटाकर पटरी बिछाकर दोनों अपडाउन रेलमार्ग को दुरुस्त करने का समय रेल प्रशासन को लगा. मार्ग दुरुस्त होने के बाद रेल यातायात सुचारु होने से रेल प्रशासन ने राहत की सांस ली.

* नरखेड मार्ग से मोडी गई ट्रेनों को शुरु किया गया
मालगाडी के 20 डिब्बे पटरी से नीचे उतरने के बाद बाधित हुए रेल यातायात को मंगलवार सुबह 7 बजे से पूर्ववत कर दिया गया है. नरखेड रेल मार्ग से डाईवर्ट की गई सभी ट्रेनों को फिर से मालखेड-बडनेरा मार्ग से शुरु कर दिया गया है. करीबन 33 घंटे इस मार्ग की दुरुस्ती के लिए लगे. बाकी का काम अभी भी जारी है.
– के.के. सिन्हा, बडनेरा रेल अधीक्षक

* काम चलता रहेगा
मालगाडी की भीषण दुर्घटना के बाद भले ही 33 घंटे के बाद रेल यातायात शुरु कर दिया गया हो, लेकिन घटनास्थल पर सभी क्षतिग्रस्त मालगाडी के डिब्बे और कोयला पडा है. उसे वहां से हटाने में रेल प्रशासन को काफी समय लगने वाला है, ऐसी जानकारी रेल्वे सूत्रों ने दी हैं.

* हादसे को लेकर जांच के आदेश
इसके साथ ही रेल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि, यह हादसा क्यों और कैसे घटित हुआ तथा इस हादसे की वजह क्या रही, इसे लेकर जांच के आदेश जारी कर दिये गये है. इसके साथ ही यह जांचा जायेगा कि, क्या यह हादसा रेल्वे पटरी पर रहनेवाली किसी चूक की वजह से घटित हुआ, या फिर इसके पीछे किसी तरह की कोई शरारत या षडयंत्र जैसे वजह थी. विशेष उल्लेखनीय है कि, गत वर्ष भी नरखेड रेल लाईन पर चांदूर बाजार व वलगांव के बीच कोयल लदी मालगाडी ऐन दीपावली के पर्ववाले समय ही बेपटरी होकर उलट गई थी. सौभाग्य से उस समय भी कोई जनहानि नहीं हुई थी. खास बात यह भी है कि, गत वर्ष और इस वर्ष जिस समय पर मालगाडियों के बेपटरी होने की घटनाएं घटित हुई, उसी समय के आसपास इन रेलमार्गों से लंबी दूरीवाली रेलगाडियों का एक के पीछे एक आना-जाना होता है. ऐसे में यदि मालगाडी की बजाय कोई यात्री ट्रेन इस हादसे का शिकार होती, तो इससे होनेवाले नुकसान की केवल कल्पना ही की जा सकती है.

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