अमरावती/दि.9 – इस वर्ष जिले के कई ग्रामीण इलाकों को भीषण जलकिल्लत का सामना करना पड सकता है और प्रशासन को करीब 33 गांवों में टैंकरों के जरिये जलापूर्ति करनी पड सकती है. इस बात के मद्देनजर जिला परिषद द्वारा इस वर्ष 12 करोड 60 लाख रूपये की लागतवाला जलकिल्लत कृति प्रारूप तैयार किया गया है. जिसे जिलाधीश के समक्ष मंजूरी हेतु पेश किया गया है.
बता दें कि, जिले में कई तहसीलों को प्रतिवर्ष जलकिल्लत की समस्या का सामना करना पडता है और इस वर्ष जिले के करीब 493 गांवों में तीव्र जलकिल्लत रहने का अनुमान है. इसके तहत मेलघाट के साथ ही चांदूर रेल्वे एवं अमरावती तहसील के अधिकांश गांवों में इस वर्ष जलकिल्लत रहने का अनुमान है. जिसके चलते धारणी व चिखलदरा तहसीलों में सर्वाधिक 31 टैंकरों की जरूरत पडेगी. इस बार किये गये नियोजन के अनुसार जलापूर्ति विभाग द्वारा 12 करोड 60 लाख रूपये का प्रारूप तैयार किया गया है. जिसके तहत करीब 500 गांवों के लिए उपाय योजनाएं सुझाई गई है. जिसमें 650 प्रकार की उपाय योजनाएं की जायेगी. जिले की सभी 14 तहसीलों से प्राप्त जानकारी के आधार पर यह प्रारूप तैयार किया गया है.
मई माह के पहले सप्ताह में बढेगी किल्लत
जिले में प्रतिवर्ष मई माह के दौरान तीव्र जलकिल्लत की समस्या उत्पन्न होती है. जिसके मद्देनजर सिंचाई प्रकल्पों व तालाबों से पानी का नियोजन किया जाता है. मार्च माह के अंतिम सप्ताह से शुरू होनेवाली गर्मी मई माह के दौरान काफी तेज व भीषण हो जाती है और जैसे-जैसे गर्मी की दाहकता बढती है, वैसे-वैसे जलकिल्लत की समस्या भी तेज होती जाती है.
प्रशासन लगा तैयारी में
संभावित जलकिल्लत की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित क्षेत्रोें में नई नल योजना, कुओं का अधिग्रहण, कुओं की खुदाई, नल योजना के पाईपों की दुरूस्ती, निजी कुओं का अधिग्रहण, नये बोअरवेल की खुदाई, हैण्डपंपों की दुरूस्ती तथा टैंकर व बैलगाडी से जलापूर्ति जैसे कामों को उपाय योजना के तौर पर प्रस्तावित किया गया है. साथ ही इन कामों के लिए आवश्यक तैयारियां भी शुरू कर दी गई है और कई ग्रामीण इलाकों में अभी से ही जलकिल्लत रहने के चलते वहां इन उपाय योजनाओं पर अमल करना भी शुरू कर दिया गया है.
शहर में अल्प जलापूर्ति
इस समय शहर के कई क्षेत्रों में अनियमित व अपर्याप्त जलापूर्ति हो रही है. जिसके लिए महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण को शहरवासियों के गुस्से व रोष का सामना करना पड रहा है. उल्लेखनीय है कि, शहर के सभी रिहायशी इलाकों में जीवन प्राधिकरण द्वारा एक दिन की आड में जलापूर्ति की जाती है. वहीं बेहद कम समय तक काफी अल्प प्रमाण में नलों से पानी छोडा जाता है. जिसके चलते दो दिन की जरूरत के लायक पानी का संग्रह करना नागरिकों के लिए असंभव हो रहा है. ऐसे में गर्मी के दिनों में पानी की सख्त जरूरत रहने के चलते आम नागरिकों पर टैंकर बुलाने की नौबत आ रही है. ऐसे में अब शहर के कई रिहायशी इलाकों के नागरिकों का गुस्सा जीवन प्राधिकरण पर फूट रहा है.
अप्रैल माह में ही लगे टैंकर
जलापूर्ति विभाग द्वारा दिये गये आंकडों के मुताबिक इस समय केवल मेलघाट के ही एक-दो गांवों व बस्तियों में टैंकर लगाकर जलापूर्ति की जा रही है, वहीं मई माह के दौरान यह संख्या निश्चित रूप से बढेगी.
- जलकिल्लत कृति प्रारूप को मंजुरी हेतु जिलाधीश के पास प्रस्तुत किया गया है. मांग के अनुसार इस प्रारूप में अन्य कई गांवों का भी समावेश किया जायेगा. साथ ही पानी की किल्लत को दूर करने हेतु स्थायी तौर पर उपाय करने के बारे में भी आवश्यक कदम उठाये जा रहे है.
– राजेंद्र सावलकर,
कार्यकारी अभियंता, जलापूर्ति विभाग, जिला परिषद