अमरावतीमहाराष्ट्र

जिले में 34 हजार 851 ‘अंगुठा बहादुर’

साक्षरता सर्वेक्षण में सामने आयी हकीकत

* निरक्षरों की चल रही खोज
* नवसाक्षर उपक्रम से किया जाएगा साक्षर
अमरावती/दि.14– जिले की जनसंख्या 28 लाख 88 हजार 745 है. जिसमें से 22 लाख 51 हजार 875 नागरिक साक्षर है और अब भी 6 लाख 36 हजार 570 नागरिक निरक्षर है. जिसमें से 34 हजार 851 लोगों को पूरी तरह से ‘अंगुठा बहादुर’ कहा जा सकता है, ऐसी जानकारी जिले में चलाए गये साक्षरता सर्वेक्षण अभियान के जरिए सामने आयी है. जिसके बाद अब सभी निरक्षरों को नवसाक्षर अभियान के अंतर्गत साक्षर बनाया जाएगा और वर्ष 2027 तक सभी निरक्षरों को साक्षर बनाने हेतु शिक्षा विभाग द्वारा विविध उपक्रम चलाये जाएंगे.
बता दें कि, समूचे देश में राष्ट्रीय शैक्षणिक नीति 2020 पर अमल करना शुरु किया गया है. जिसके तहत नवसाक्षर उपक्रम अंतर्गत शिक्षा विभाग द्बारा निरक्षरों की खोज करते हुए उन्हें गांव की शाला में पढाने-लिखाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और उन्हें साक्षर बनाया जाएगा.

इसी बात को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग द्बारा इस वर्ष 1 सितंबर से 8 सितंबर की कालावधि के दौरान साक्षरता सप्ताह चलाया गया था और इसके तहत समूचे जिले में अभियान चलाते हुए नागरिकों को शिक्षा का महत्व बताया गया. शिक्षा विभाग द्बारा दी गई जानकारी के मुताबिक जिले की कुल जनसंख्या 28 लाख 88 हजार 445 है. जिसमें से 22 लाख 51 हजार 875 नागरिक साक्षर है और 6 लाख 36 हजार 570 नागरिक निरक्षर है. निरक्षरों में ग्रामीण क्षेत्र के 4 लाख 50 हजार 463 तथा शहरी क्षेत्र के 1 लाख 84 हजार 107 नागरिकों का समावेश है. ऐसा शिक्षा विभाग द्बारा बताया गया है.

* प्रत्येक 10 निरक्षरों हेतु एक स्वयंसेवक
सभी को साक्षर करने का उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा नवभारत साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है. इस हेतु निरक्षरों का सर्वेक्षण करते हुए स्वयंसेवकों व निरक्षरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ ही शिक्षकों के जरिए ‘उल्हास’ पोर्टल पर निरक्षरों की संख्या भी दर्ज कराई जा रही है. जिसके आधार पर प्रत्येक 10 व्यक्तियों के लिए 1 के हिसाब से 2 हजार स्वयंसेवक नियुक्त किये गये है. इन स्वयंसेवकों में अंगणवाडी सेविकाओं से लेकर सभी महाविद्यालयों के रासेयो विद्यार्थी, एनसीसी कैडेट व नेहरु युवा केंद्र के युवाओं का समावेश है. इन स्वयंसेवकों द्वारा 15 से 35 वर्ष आयु गुट के निरक्षर लोगों को पढाया-लिखाया जाएगा. जिसमें महिलाओं, युवतियों व निर्माण कामगारों के साथ ही अनुसूचित जाति व जनजाति, ओबीसी व अल्पसंख्यक संवर्ग के लोगों को पहली प्राथमिकता दी जाएगी.

* नियमित शालाओं के अलावा 2 घंटे की कक्षा
शाला शुरु होने से पहले एक घंटा व शाला छूटने के बाद एक घंटा ऐेसे दो घंटे की विशेष कक्षाएं लगाते हुए जिला परिषद की शालाओं में स्वयंसेवकों द्वारा निरक्षरों को पढाने का काम किया जा रहा है. साथ ही ‘आपले सरकार’ सेवा केंद्र पर भी निरक्षरों को नि:शुल्क तौर पर पढाया जा रहा है.

* कक्षा पहली की परीक्षा होगी जल्द
शिक्षाधिकारी योजना कार्यालय के मार्फत इन निरक्षरों की नवसाक्षरता कार्यक्रम अंतर्गत कक्षा पहली की परीक्षा जल्द ही सभी तहसीलों के राजस्व गांव स्थित शालाओं में ली जाएगी. जिसकी दृष्टि से शिक्षा विभाग द्वारा तमाम तैयारियां की जा चुकी है.
– प्रीतम गणगणे,
सहायक योजना अधिकारी.

* क्या कहती है जिले की आंकडेवारी
कुल जनसंख्या – 28,88,445
पुरुष – 14,80,768
महिला – 14,07,677

कुल साक्षर – 22,51,875
पुरुष – 12,07,104
महिला – 10,44,771

कुल निरक्षर – 3,63,570
पुरुष – 2,73,664
महिला – 3,62,906

* जिले में निरक्षरों की तहसीलनिहाय संख्या
तहसील निरक्षर महिला पुरुष
मनपा क्षेत्र 3,186 1,848 1,338
अमरावती ग्रा. 898 521 377
अचलपुर 1,644 960 684
अंजनगांव सुर्जी 957 559 398
भातकुली 676 395 281
चांदूर बाजार 1,189 694 495
चांदूर रेल्वे 618 361 257
चिखलदरा 1,183 492 350
धामणगांव रेल्वे 842 492 350
धारणी 1,874 1,094 780
दर्यापुर 1,040 607 433
मोर्शी 1,111 649 462
नांदगांव खंडे. 860 502 358
तिवसा 649 379 270
वरुड 1,473 862 614
कुल 18,203 10,614 7,589

* निरक्षरता के कारण
– परिवार की गरीबी व रोजगार हेतु स्थलांतरण
– कम उम्र में सिर से माता या पिता अथवा दोनों अभिभावकों की छत हट जाना.
– घर में शैक्षणिक वातावरण का अभाव एवं शाला का घर से दूर रहना

* मोबाइल पर भी शिक्षा सुविधा
विशेष उल्लेखनीय है कि, निरक्षर लोगों में से कई लोगों को अक्षर परिचय नहीं है, लेकिन वे इसके बावजूद भी एन्ड्राइड मोबाइल को अच्छे तरीके से चला लेते है. इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्हें मोबाइल के जरिए ही ऑनलाइन शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है.

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