अमरावती

35 करोड के विकास कार्य फिर रूके

विभागीय आयुक्त का फैसला

  • पर्यटन क्षेत्र जनसुविधा के 288 कामों की होगी जांच

अमरावती/दि.18 – जिला परिषद अंतर्गत 3054 व 5034 शीर्ष अंतर्गत इस वर्ष 21 में से 19 तथा 22 में से 34 इस प्रकार 53 विकास कार्यों में अनियमितता के चलते संभागीय आयुक्त पीयूष सिंह ने इन सभी विकास कार्यों पर ब्रेक लगाया है. पीसीआई नियमों के अधीन कामकाज न होने से इन कार्यों पर कार्रवाई की गाज गिरी. जिससे पहले चरण में 35 करोड के विकास कार्य रूक गए हैं. बता दें कि, जिप सदस्य रवींद्र मुंदे व प्रहार के श्याम मसराम ने संभागीय आयुक्त से शिकायत की थी. जिस पर यह कार्रवाई की गई है.
जानकारी के अनुसार जिला परिषद प्रशासन ने 3054, 5034 शीर्ष अंतर्गत पर्यटन एवं तीर्थस्थल, जनसुविधा आदि क्षेत्र के विकास कार्यों का नियोजन किया था. लेकिन दो वर्षों के इस नियोजन में सत्ताधारियों ने मनमाने तरीके से निधी का वितरण कर 125 करोड पर हाथ साफ करने का आरोप सदस्य रवींद्र मुंदे व श्याम मसराम ने लगाया है. इस मामले में दोनों ने संभागीय आयुक्त से शिकायत की. मामले की सुनवाई होने तक संभागीय आयुक्त ने विकास कार्यों को ब्रेक लगाकर निर्णय आरक्षित रखा था. शुक्रवार को संभागीय आयुक्त पीयुष सिंह ने फैसला सुनाते हुए पहले चरण में प्रशासन के नियोजन को दोषी करार देते हुए करीब 30 से 35 करोड के 53 विकास कार्यों को रद्द करने के निर्देश दिए है.
इसके अलावा पर्यटन एवं जनसुविधा के 288 कामों की जांच के आदेश देने से जिला परिषद में खलबली मची है. साल 2021 में 27 करोड 40 लाख तथा साल 2022 के लिए 32 करोड रूपए का नियोजन हुआ है. लेकिन इस नियोजन में पीसीआई नियमों का पालन नहीं किया गया. यहीं नहीं, पुलिस प्रशासन और वनविभाग द्वारा दिये गये प्रमाणपत्र के साथ एनओसी पर भी संभागीय आयुक्त ने संदेह व्यक्त कर जांच के आदेश दिये है. शुक्रवार को जारी फैसले के अनुसार कुछ काम नियमानुसार हुए हैं. उन्हें पूरा करने कोई आपत्ति नहीं है. यह स्पष्ट करते हुए संबंधित विकास कार्यों को जारी रखने के निर्देश भी उन्होंने दिये हैं.

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